नई दिल्ली: केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और विधि एवं न्याय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने आज यहां राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों के युवा पुलिस अधीक्षकों और सीएपीएफ के कमाडेंटों के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो द्वारा किया जा रहा है।
इस अवसर पर श्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि युवा अधिकारियों को भारत में होने वाले परिवर्तनों से अवगत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की पहल और योजनाएं कुछ इस तरह से बनायी जाती हैं कि नागरिक सशक्त होकर बेहतर जीवन जी सके। मंत्री महोदय ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम पर प्रकाश डाला और कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य डिजिटल खाई को पाटना है। इसके तहत समाज के कमजोर तबकों पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल सशक्तिकरण तब तक पर्याप्त नहीं है जब तक कि डिजिटल समावेशन न हो। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीक सस्ती, समावेशी और विकास केन्द्रित होनी चाहिए।
श्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में सोशल मीडिया तेजी से बढ़ रहा है और पुलिस तंत्र को डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में उन्नयन करना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सही जानकारी देने के लिए सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल करें। उन्होंने यह भी कहा कि साइबर सुरक्षा में अधिकारियों के प्रशिक्षण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि अधिकारियों को इस दो दिवसीय सम्मेलन से ज्ञान प्राप्त होगा और यहां सीखे सबक का उपयोग वे अपने प्रोफेशनल जीवन में करेंगे।
इस सम्मेलन के दौरान केन्द्रीय मंत्री ने ‘नेशनल पुलिस रिसर्च रिपॉजिटरी’ नामक पुस्तक का लोकार्पण किया।
खुफिया ब्यूरो के निदेशक श्री राजीव जैन ने कहा कि युवा अधिकारियों से काफी उम्मीदें हैं और वे अपने भविष्य में कुछ बेहतर करेंगे।
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की महानिदेशक डॉ. मीरन सी. बोरवंकर ने कहा कि पहली बार इस तरह का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेहतर पुलिस व्यवस्था के लिए पुलिस और सीएपीएफ को नागरिकों और तकनीकों दोनों का अच्छा उपयोग करना चाहिए।
उद्घाटन सत्र के दौरान इस विषय पर तीन प्रस्तुतियां दी गईं कि पुलिस को किस तरह बेहतर तरीके से तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए।