नई दिल्ली: 30 जून, 2017 के बाद सेवा कर के भुगतान के संबंध में संक्रमण काल से जुड़े कुछ विशेष मुद्दों के बारे में सीबीईसी ने स्पष्टीकरण दिया है। इसके लिए 28 सितंबर, 2017 को जारी सर्कुलर देखें।
यह स्पष्ट किया गया है कि ऐसे मामले जिनके तहत कोई सेवा 1 जुलाई, 2017 से पहले प्राप्त की गई थी और सेवा के मूल्य का भुगतान भी 1 जुलाई, 2017 से पहले कर दिया गया था, लेकिन सेवा कर का भुगतान 5/6 जुलाई 2017 को किया गया था तो वैसी स्थिति में क्रेडिट विवरण के बारे में जानकारी एक संशोधित रिटर्न दाखिल करके फॉर्म एसटी-3 के भाग-I में दी जानी चाहिए। नियत तिथि तक अथवा कुछ दिन बाद अपने एसटी-3 रिटर्न दाखिल करने वाले अनुपालन करदाताओं को संशोधित रिटर्न दाखिल करने हेतु तत्काल और व्यवहार्य खिड़की मुहैया कराने के लिए 1 अप्रैल, 2017 से लेकर 30 जून, 2017 तक की अवधि वाले सभी एसटी-3 रिटर्न के बारे में यही माना जाएगा कि उन्हें 31 अगस्त, 2017 को ही दाखिल किया गया है, भले ही उन्हें अगस्त, 2017 की किसी भी तिथि को दाखिल क्यों न किया गया हो। एक बार जब इस तरह के क्रेडिट का विवरण एसटी-3 में दर्शा दिया जाएगा तो करदाता फॉर्म जीएसटी ट्रान-1 में संबंधित विवरण भर सकते हैं।
ऐसे करदाता जो एसीईएस के तहत पंजीकृत नहीं थे और जो 1 जुलाई, 2017 को या उसके बाद सेवा कर का भुगतान करना चाहते हैं, वे एसीईएस के पंजीकरण मॉड्यूल में ‘गैर करदाता पंजीकरण’ श्रेणी का लाभ उठा सकते हैं।