देहरादून: राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने एफआरआई के आईसीएफआरआई सभागार में श्री सनातन धर्म सभा द्वारा आयोजित भजन गायिकी प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागी बच्चों को आयोजक संस्था की ओर से पुरस्कृत किया। राज्यपाल ने विजेता प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि संगीत की आराधना के लिए निरंतर अभ्यास जरूरी है। राज्यपाल ने भजन गायिकी प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले अन्य सभी बच्चों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रतिभाग करना भी महत्वपूर्ण है। लगन के साथ निरंतर प्रयास किए जाएं तो सफलता जरूर मिलती है। अभ्यास से प्रदर्शन में सुधार होता है।
राज्यपाल ने जन्माष्टमी के पावन अवसर पर बच्चों की भजन गायिकी प्रतियोगिता के आयोजन को अच्छा प्रयास बताते हुए आशा व्यक्त की कि आगे भी इस तरह के आयोजन किए जाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति, मूल्य आधारित है। हमारे सांस्कृतिक मूल्य बहुत सम्पन्न हैं। यही कारण है कि हजारों साल के बाद भी हमारी भारतीय सभ्यता निरंतर बनी हुई है। भजन, भगवान की आराधना का माध्यम है। भारत में संगीत की श्ुारूआत भगवान की आराधना के लिए ही हुई थी। हमारी राग रागिनियां भगवान के लिए समर्पित हैं।
राज्यपाल ने कहा कि हमारी स्कूली शिक्षा में नम्बरों को अधिक महत्व दिया जाता है। जबकि खेल, संगीत के माध्यम से बच्चों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व के विकास का प्रयास किया जाना चाहिए।