नई दिल्ली: हाल में संसद सत्र बिना कामकाज के खत्म होने के विरोध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बीजेपी सांसदों के साथ गुरूवार यानि 12 अप्रैल को एक दिन के उपवास पर बैठेंगे। संसद बाधित होने का आरोप वह लगातार विपक्षी पार्टियों पर लगाते रहे हैं।
पीएम मोदी के उपवास की खबर ऐसे वक्त पर आयी है जब एक दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बीजेपी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए शांति और भाईचारे की अपील की थी। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी पश्चिम बंगाल के हुबली में इसी तरह का विरोध प्रदर्शन करेंगे। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पीएम मोदी अपने दैनिक कामकाज को बिना किसी बाधा के करेंगे। साथ ही, अधिकारियों और लोगों के साथ अपनी नियमित बैठक करेंगे और फाइल भी क्लियर करेंगे।
बुधवार को पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सांसदों को संबोधित करेंगे और उनमें से कुछ सांसदों के साथ सीधा संवाद भी करेंगे, जिस वक्त वे सभी अपने संसदीय क्षेत्र में ज्योतिबा फूले के वर्षगांठ के मौके पर समता दिवस मना रहे होंगे। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को विपक्षियों पर बंटवार की राजनीति करने का आरोप लगाया था और यह घोषणा की थी कि पार्लियामेंट में गतिरोध के विरोधस्वरूप 12 अप्रैल को बीजेपी के सभी सांसद एक दिन का उपवास करेंगे।
गौरतलब है कि एसएस/एसटी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दलितों की तरफ से विरोध और भारी बवाल के बाद हुए लाठीचार्ज के विरोध में इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमवार को राजघाट में उपवास पर बैठे थे। कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि यह उपवास सांप्रदायिक सदभाव को संरक्षित करने और जातिगत हिंसा के खिलाफ है। (हिन्दुस्तान)