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संस्कृति मंत्रालय गोवर्धन प्रभाग-मथुरा से सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘भारत के मानचित्रण पर राष्ट्रीय मिशन’ का शुभारंभ करेगा

संस्कृति मंत्रालय गोवर्धन प्रभाग-मथुरा से सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘भारत के मानचित्रण पर राष्ट्रीय मिशन’ का शुभारंभ करेगा
देश-विदेशमनोरंजन

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में जन्मे पण्डित दीनदयाल उपाध्याय कीजन्म शताब्दी के अवसर पर भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय जिले के गोवर्धन प्रभाग में 17 जून 2017 को सुबह 10 बजे से सायं 5 बजे तक एक दिवसीय कार्यक्रम के कार्यान्वयन का शुभारंभ कर रहा है। इस दौरान ‘भारत के मानचित्रण पर राष्ट्रीय मिशन’, खण्ड स्तरीय विशद् प्रतिभा खोज कार्यक्रम (सांस्कृतिक प्रतिभा खोज समारोह), राधेश्याम सेवा सदन (गोण्डिया मठ के सामने), राधाकुण्ड रोड़ गोवर्धन पर कार्यक्रम का उद्घाटन संस्कृति तथा पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. मेहश शर्मा द्वारा किया जाएगा। समारोह के दौरान उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के  चुनाव क्षेत्र से मंत्री, सांसद, विधायक, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी तथा पद्मश्री, संगीत नाटक अकादेमी और राज्य के अऩ्य पुरस्कार प्राप्त विभिन्न गणमान्य कलाकार भी उपस्थित रहेंगे। यह मिशन ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ छत्र का हिस्सा है।

इस खण्ड स्तरीय कार्यक्रम में लगभग 1 से 2 हजार कलाकारों की भाग लेने की संभावना है जहां कलाकार अपना पंजीकरण भी करा सकते हैं जिसके लिए पंजीकरण कराने वाले सभी कलाकारों को पंजीकरण प्रमाणपत्र/पर्ची/कोड प्रदान किए जाएगें। विभिन्न कलाओं के प्रदर्शन में भाग लेने वाले कलाकारों की भूमिका के आकलन के लिए गणमान्य कलाकारों का एक समूह भी आमंत्रित किया गया है। पंजीकरण सीधे culturalmappingofindia.nic.in. पोर्टल पर भी किया जा सकेगा। उन कलाकारों के लिए जो किसी कारण से स्वयं तथा अपनी कला को पंजीकृत नहीं करा पा रहे हैं, गोवर्धन खण्ड के कलाकार तथा उनकी कला की जीयो मेपिंग के लिए गोवर्धन ब्लाक के सभी 47 गांव में असंख्य टीमें भेजी गई हैं। कोई भी व्यक्ति जो कलाकार होने का दावा करता है, प्रारम्भिक स्तर पर पंजीकरण करा सकता है।

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संचालित ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इस मिशन का उद्देश्य, भारत के विशाल और व्यापक सांस्कृतिक पटल को एक ध्येयात्मक सांस्कृतिक मानचित्र में परिवर्तित करना, राष्ट्र के समस्त कलाकार समुदाय की आकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए तंत्र तैयार करना तथा कलाकारों की सांस्कृतिक धरोहर तथा उनकी विभिन्न कलाओं को इस देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के रूप में संरक्षित रखना है।

इस मिशन में सांख्यिकी मानचित्रण, प्रक्रियों को औपचारिक बनाने के लिए जनसांख्यिकी तैयार करना तथा बेहतर परिणामों के लिए सभी सांस्कृतिक गतिविधियों को एक वेब आधारित छाते के नीचे लाना है। मिशन यह भी चाहता है कि कलाकारों की सरकार के साथ सीधी संचार व्यवस्था खुले तथा कलाकारों के बीच प्रतिभा सानने तथा एक दूसरे का हाथ थामने के लिए पारस्परिक संचार व्यवस्था हो।

इस दृष्टिकोण से मंत्रालय ने प्रभाग स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक विभिन्न चरणों में प्रतिभा खोज प्रतियोगिताएं आयोजित करने की योजना बनाई है ताकि कोई भी सांस्कृतिक प्रतिभा अथवा धरोहर उपेक्षित न रहने पाए तथा यदि कोई प्रतिभा है तो उसका पोषण हो, यदि यह धरोहर है तो उसका संरक्षण हो और भूतकाल से सिखने के लिए एक प्रतिमूर्ति के रूप में उपयोग हो व दूर-दूर तक हमारी सांस्कृतिक प्रतिभा का प्रसार भी हो। इस योजना को अगले तीन वर्ष के दौरान कुल छः लाख 40 हजार गावों सहित देश के सभी खण्डों में लागू किया जाना है।

मंत्रालय की नजर गहन सांस्कृतिक जागृति अभियान शुरु करने पर है ताकि कोई भी कलाकार वंचित न रहे। कलाकार/ संगठन culturalmappingofindia.nic.in. पर आन-लाइन भी पंजीकरण करवा सकते हैं। भारतीय सांस्कृतिक मानचित्रण पोर्टल सांस्कृतिक संपदाओं तथा संसाधनों से संबंधित सूचना का एक संग्रह/समेकित डाटा बेस का काम करेगा अर्थात् अनिवार्य योजना, सतत आर्थिक विकास तथा बिखरी एवं लुप्तप्रायः हो गई विभिन्न कलाओं के लिए एक ही स्थान पर वस्तुसूची के रूप में उपलब्ध होगी।

संस्कृति मंत्रालय मथुरा जिले में इस उत्सव के तुरंत बाद दूसरे राज्यों में भी इसी प्रकार के खण्ड स्तरीय उत्सव आयोजित करेगा ताकि देश के सभी खण्डों को शामिल करने के प्रयास बढ़ाने की प्रक्रिया शीघ्र शुरु की जा सके। वर्तमान चरण में कर्नाटक जिले का समोगा खण्ड हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले का थानेश्वर खण्ड, उत्तर प्रदेश में गोरखपुर जिले का चौरा-चोरी खण्ड तथा झारखण्ड के खरसावन जिले के सरायकेला में सरायकेला खण्ड शामिल हैं।

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