देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में नगर विकास एवं आवास विभाग की समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री प्रकाश पंत एवं नगर विकास मंत्री श्री मदन कौशिक भी उपस्थित थे।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2018
मुख्यमंत्री ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के व्यापक प्रचार और जनसहभागिता को बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि देहरादून नगर निकाय को स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रथम 100 निकायों में लाने का शत-प्रतिशत प्रयास किया जाय। स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में शीर्ष 200 निकायों में स्थान प्राप्त करने वाली राज्य की प्रथम तीन निकायों को क्रमशः 75 लाख, 50 लाख एवं 25 लाख रूपये नगद पुरस्कार दिये जाने की घोषणा भी की। पूरे देश से लगभग 4 हजार नगर निकाय इस सर्वेक्षण में प्रतिभाग कर रहें है।
निदेशक नगर विकास श्री विनोद सुमन ने बताया कि राज्य के समस्त 101 निकायों(09 कैन्ट बोर्ड एवं 92 निकाय) को 31 मार्च 2018 तक ओडीएफ किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। पिछले 10 माह में 84 नगर निकाय(अब तक कुल 87) ओडीएफ हो चुके है। 81 निकायों के दावों को भारत सरकार को प्रेषित किया जा चुका है। जिसमें से 22 निकायों के दावों को भारत सरकार द्वारा सत्यापित भी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण हेतु सभी प्रतिभागी निकायों का सिटी प्रोफाईल आॅन लाईन अपडेट कर दिया गया है। 22 निकायों में सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका हैं तथा 23 निकायों में सर्वेक्षण 24 जनवरी तक पूरा किया जायेगा।
अवैध होर्डिंगों को अभियान चलाकर हटाया जाय–सीएम
मुख्यमंत्री ने होर्डिंग, बैनर और पोस्टरों से बदरंग होते शहरों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उनके विरूद्ध सख्त अभियान चलाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘सबसे पहले मेरी तस्वीर वाले अवैध होर्डिंग को हटाना शुरू करिये।’’ उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में नियम विरूद्ध होर्डिंग, बैनर और पोस्टर स्वीकार नहीं किये जायेगे।
शहरी क्षेत्रों में बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखें–सीएम
मुख्यमंत्री ने सभी नगर निकायों में सड़कों, बिजली, स्ट्रीट लाईट और पार्कों की स्थिति पर अधिकारियों को संवेदनशीलता के ध्यान देने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी विकास प्राधिकरणों को निर्देश दिये कि वे घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करने के नियम के अनुपालन को सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी नगरीय क्षेत्रों को भविष्य की आवश्यकता के अनुसार जल आपूर्ति हेतु दीर्घकालिक योजनाओं पर गम्भीरता से विचार करना होगा।
पेयजल सचिव श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी ने बताया कि 23 नगर निकायों में नगरीय क्षेत्रों में 135 एलपीसीडी(लीटर पर कैपिटा डेली), 37 नगर निकायों में 70 से 135 एलपीसीडी, 20 नगर निकायों में 40-70 एलपीसीडी तथा 12 नगर क्षेत्रों में 40 एलपीसीडी से कम जलापूर्ति है। 422 पेयजल संकट वाले मौहल्ले चिन्हित किये गये है, जहां टैंकरों से जल आपूर्ति की जाती है।
ऊर्जा सचिव श्रीमती राधिका झा ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में गत वर्ष 23 घंटे 20 मिनट की तुलना में इस वर्ष 23 घंटे 40 मिनट बिजली की आपूर्ति की जा रही है। 20 मिनट से अधिक बिजली कटौती पर अधिशासी अभियंता को क्षेत्र में पहुंचने निर्देश दिये गये है।
साॅलिड वेस्ट मैनजमेंट
बैठक में बताया गया कि राज्य के 14 कलस्टरों(24 निकायों) के लिक्विड एंड साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट हेतु सिटी सैनिटेशन प्लान बना दिया गया है। जिसके तहत कुल 906 वार्डों में से 706 वार्डों में डोर टू डोर कूड़े का एकत्रिकरण किया जा रहा है। जिसमें 09 कैन्ट बोर्ड सम्मिलित है। 13 नगरों में कम्पोस्ट बनाने का कार्य प्रारम्भ किया गया है। देहरादून निकाय में 24.60 करोड़ रूपये की लागत के कम्पोस्ट प्लांट निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है। हरिद्वार, में 16.72 करोड़ रूपये की लागत तथा हल्द्वानी में 34.88 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले कम्पोस्ट प्लान्ट का कार्य प्रगति पर है। रूड़की कलस्टर हेतु 56.88 करोड़ की योजना नीति आयोग द्वारा तकनीकि सहयोग हेतु स्वीकृत की गई है। ये चार बड़ी परियोजनाएं, राज्य के कुल उत्पादित साॅलिड वेस्ट 1400 टन प्रतिदिन(टीपीडी) के सापेक्ष 600 टीपीडी, 42.40 प्रतिशत को निस्तारित करेंगी।
स्थानीय निकाय निर्वाचन 2018
बैठक में बताया कि प्रदेश के 88 नगर निकायों में निर्वाचन प्रक्रिया होनी है। 41 निकायों में सीमा विस्तार किया गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग के सर्वे का कार्य वर्तमान में गतिमान है। इस कार्य को फरवरी 2018 तक पूरा कर लिया जायेगा।