देहरादून: प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा, प्रौढ़़ शिक्षा, संस्कृत शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। शिक्षा मंत्री सर्वप्रथम बजट सत्र में शिक्षा विभाग का कटौति प्रस्ताव सदन में वापस लेने को ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए अधिकारियों का साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक उपलब्धि उन्ही के प्रयासों से सम्भव हुई है। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों से शिक्षा की गुणवत्ता परक बनाने तथा शतप्रतिशत गरीब छात्रों को शिक्षा का अधिकार दिलाने हेतु निरन्तर प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने शिक्षा के स्तर को उठाने के लिए निरन्तर अभिभावकों से भी संवाद बनाने का आह्वान किया। उन्होंने प्रत्येक विकासखण्ड को दो भागों में बांटकर क्षेत्रान्तर्गत विद्यालयों के पठन-पाठन का निरन्तर अनुश्रवण/निरीक्षण करने के निर्देश दिये। शिक्षामंत्री ने कहा कि उप शिक्षा अधिकारी/खण्ड शिक्षा अधिकारी अपने-अपने उप खण्ड के अन्तर्गत आने वाले विद्यालयों का निरन्तर निरीक्षण करेंगे तथा सम्बन्धित रिपोर्ट मुख्यालय में भेजेंगे, जिसकी समीक्षा के लिए प्रत्येक तीन माह में बैठक होगी। उन्होंने कहा कि सत्रारम्भ से वह स्वयं विद्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण करेंगे तथा प्रेषित रिपोर्ट एवं मौके पर पाई जाने वाली स्थिति में अन्तर की दशा मंे वे सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई करेंगे। उन्होंने खण्ड शिक्षा अधिकारी की मांग पर, निरीक्षण के लिए वाहन दिलाने के निर्देश महानिदेशक शिक्षा को दिये तथा वाहन के मूवमेंट का भी रिकार्ड रखने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। उन्होंने सम्बद्ध शिक्षक/कार्मिकों को मूल तैनाती में भेजने के पूर्व आदेशों के अनुपालन में अद्यतन प्रगति उपलब्ध कराने के निर्देश दिये तथा चेतावनी दी, कि जिस जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सम्बद्धता समाप्त करने के आदेशों का अनुपालन नहीं किया गया, उसके विरूद्ध सख्ती से कार्रवाई की जायेगी। उनका कहना था, कि जहाँ पर कार्मिक की सम्बद्धता आवश्यक है, उसका औचित्य बताते हुए मुख्यालय को तुरन्त अवगत कराया जाय। ज्ञातव्य है कि कतिपय आवासीय विद्यालयों में वार्डन का पद न होने के कारण शिक्षकों को सम्बद्ध किया गया है। उन्होंने प्राईवेट विद्यालयों की मनमानी यथा कैपिटेशन फीस, रिएडमिशन फीस, काशन मनी आदि के सम्बन्ध में शासन के जारी निर्देशों का पालन न करने वाले पब्लिक स्कूलों की सूची तथा कृत कार्रवाई पर जानकारी प्राप्त की तथा शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन करने वाले विद्यालयों की सूची तथा उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने पर भी विस्तार से चर्चा की। श्री पाण्डेय ने देहरादून के नामी गिरामी प्राईवेट स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने में सफलता के लिए जनपद देहरादून के शिक्षाधिकारियों की प्रशंसा की, साथ ही बिना किसी दबाव के कार्य करने के लिए अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर सिंह बिष्ट की सराहना की। शिक्षामंत्री श्री पाण्डेय ने ऐसे अधिकारियों/शिक्षकों/शिक्षणेत्तर कार्मिकों, जो अपने तैनाती स्थल का आवास भत्ता लेते हैं, किन्तु वास्तविक रूप से निवास नहीं करते हैं, के विरूद्ध कार्रवाई करने के निर्देश महानिदेशक शिक्षा को दिये तथा इसकी सूची जनपदीय अधिकारियों से तुरन्त मुख्यालय प्रेषित करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्राईमरी अध्यापकों के स्थानान्तरण से रिक्त पदों का स्थलवार विवरण मागते हुए महानिदेशक शिक्षा से सत्र आरम्भ होने से पूर्व रिक्त पदों पर अध्यापकों की तैनाती के निर्देश दिये। उन्होंने विद्यालय गणवेश व पुस्तकें एक निश्चित स्थान से क्रय किये जाने के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाने वाले प्राइवेट स्कूलों का विवरण तथा कृत कार्रवाई की भी समीक्षा की। उन्होंने अक्षय पात्र योजना के अन्तर्गत केन्द्रीयकृत कीचन निमार्ण हेतु देहरादून में डांडा लखौंड तथा रूड़की में चिन्हित भूमि का संयुक्त मौका मुआयना कर सम्बन्धित संस्था की प्रतिनिधि सुश्री सोनियां रूचि से योजना पर शीघ्र कार्य आरम्भ करने के निर्देश दिये। उन्होंने डब्ल्यू0एच0ओ0के सहयोग से संचालित रूबेला/मीजिल्स प्रतिरक्षण अभियान पर भी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये। बैठक में पूर्व सांसद बलराजी पासी, महानिदेशक/अपर सचिव आलोक शेखर तिवारी, निदेशक शिक्षा आर0के0कुवर तथा निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान श्रीमती सीमा जौनसारी, अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक, मुख्य शिक्षाधिकारी, जिला शिक्षाधिकारी एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी उपस्थित थे।