नई दिल्ली: समंदर का सिकंदर भारतीय नौसेना का ताकतवर विमान वाहक पोत आईएनएस विराट आज रिटायर्ड हो जाएगा। आईएनएस विराट उन्नत किस्म का दूसरा विमानवाहक पोत है, जो समुद्र में अपनी धाक जमाने में सक्षम था। दुनिया का सबसे पुराना विमान वाहक पोत भारतीय नौसेना में 30 साल तक सेवा देने से पहले ब्रिटिश रायल नेवी में भी 27 साल तक अपनी सेवा दी थी।
रिटायर होने से पहले 4, 5 और 6 मार्च को इस पोत पर एक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं जिसमें सेवा देने वाले नौसेना के अधिकारी भी शामिल होंगे। हालांकि इससे हमारे पास दो विमान वाहक पोत कम हो जाएंगे, क्योंकि इससे पहले आईएनएस विक्रांत को सेवा से हटाया गया था।
आईएनएस विराट को 12 मई 1987 को भारतीय नौसेना के बेडे़ में शामिल किया गया था। तब इसका घोष वाक्य था ‘जलमेव यस्य, बलमेव तस्य।’
आईएनएस विराट संसद में आतंकी हमले के बाद 13 दिसंबर 2001 को ऑपरेशन पराक्रम और श्रीलंका में शांति स्थापित करने के लिए 27 जुलाई 1989 को चलाए गए ऑपरेशन ज्युपिटर में भी अपनी भूमिका निभा चुका है। वैसे सबसे ज्यादा समय तक सेवा में रहने की वजह से इसका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में पहले ही दर्ज हो चुका है।