नई दिल्लीः भारत ने कोरिया गणराज्य के साथ एक दूसरे के नाविकों के सामर्थ्य को परस्पर मान्यता देने से संबंधित एक करार पर आज हस्ताक्षर किए। इस समझौते से दोनों देशों की सरकारों द्वारा अपने नाविकों को समु्द्री शिक्षा,प्रशिक्षण और उनके सामर्थ्य के बारे में जारी किए गए प्रमाण पत्रों को समानरूप से महत्व दिए जाने का मार्ग प्रशस्त होगा। इस समझौते पर जहाजरानी,सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा जल संसाधन और नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी और कोरिया के उनके समकक्ष किम योंग चून की ओर से आज बुसान में एक कार्यक्रम में हस्ताक्षर किए गए।
श्री गडकरी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि इस समझौते से दोनों देश लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि कोरिया के पास बड़ी संख्या में जहाज हैं। इस समय उसके पास अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर चलने वाले 500 से ज्यादा जहाज मौजूद हैं जिनके लिए उसे प्रशिक्षित नाविकों की दरकार है।भारत के पास करीब एक लाख 54 हजार 349 ऐसे नाविक हैं। ऐसे में यह समझौता कोरियाई जहाजों में भारतीय नाविकों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
श्री गडकरी कल से चार दिन की सरकारी यात्रा पर कोरिया गए हुए हैं। अपनी यात्रा के दूसरे चरण में उन्होंने दक्षिण कोरिया के समुद्री परिवहन मंत्री किम योंग चून के साथ दिद्वीपक्षीय बैठक की। उन्होंने बुसान बंदरगा का दौरा किया और भारत कोरिया समु्द्री सहयोग फोरम की बैठक में शामिल हुए। श्री गडकरी की कोरिया यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच जहाजरानी,बंदरगाह,आंतरिक जलमार्गों ,राजमार्गों, नदियों को जोड़ने और अवसंरचना क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधो को मजबूत बनाना हैं।