उत्तराखंड: उत्तराखंड पुरुष प्रधान समाज की जंजीरों को तोड़ते हुए शिमला की पूनम महिलाओं के लिए मिसाल बन गई हैं। पूनम ने उस कारोबार को चुना जो महिलाओं के लिए कल्पना से कम नहीं होता।
अमूमन टैक्सी सेवा का व्यवसाय पूरुष ही करते हैं, लेकिन पूनम के जज्बे ने इस व्यवसाय में न सिर्फ कामयाबी हासिल की, बल्कि औरों को भी रोजगार दिया। इतना ही नहीं व्यवसाय की शुरुआत उन्होने खुद टैक्सी से बच्चों को स्कूल छोड़ने से की।
मूल रूप से मंडी जिला की रहने वाली पूनम ने करीब 25 साल पहले इस व्यवसाय को शुरू किया था। उस समय शिमला में बच्चों को टैक्सी से स्कूल छोड़ने का रिवाज नहीं था।
पूनम व उसके परिवार के इस व्यवसाय के बाद ही शिमला में स्कूली बच्चों को टैक्सी से स्कूल लाने-छोड़ने का सिलसिला शुरू हुआ। पूनम को बच्चों से बेहद प्यार है और उन्होंने न जाने कितने बच्चों को स्कूल छोड़ा है।
9 comments