नई दिल्ली: आवास तथा शहरी गरीबी उपशमन मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू ने बल देते हुए कहा कि सरकार ने पिछले तीन वर्षों में शहरी गरीबी लोगों की आवास जरूरतों को पूरा करने के लिए पिछले 10 वर्षों में किए गए कार्यों से अधिक कार्य किया है। इससे साबित होता है कि यह सरकार भिन्न है।
श्री नायडू ने कहा कि शहरी गरीब को लाभ देने के लिए समावेशी विकास को सक्षम बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 तक सभी के लिए आवास सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) लॉन्च किया। श्री नायडू ने बताया कि :
- पीएमएवाई (शहरी) के अंतर्गत 17,73,533 वहन करने योग्य मकान 2008 नगरों तथा शहरों के लिए दो वर्ष से कम समय में स्वीकृत किये गये। पिछले 10 वर्षों में 1,061 शहरों के लिए 13,82,768 मकानों को मंजूरी मिली थी।
- 2004-14 के 32,713 करोड़ रूपये की तुलना में शहरी गरीबों के लिए आवास निर्माण के लिए 96,266 करोड़ रूपये के निवेश को मंजूरी दी गई है।
- पीएमएवाई (शहरी) के अंतर्गत राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों को 27,883 करोड़ रूपये की केन्द्रीय सहायता जारी करने की स्वीकृति पहले दी जा चुकी है। पिछले दस वर्षों के दौरान यह केन्द्रीय सहायता 20,920 करोड़ रूपये की थी।
- पीएमएवाई (शहरी) का विस्तार करके मध्यम आय समूहों तक ले जाया गया है ताकि 18 लाख रूपये से कम वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को लाभ मिल सके। इससे समाज का बड़ा हिस्सा कवर हुआ है।
- सभी के लिए आवास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विशेष समय सीमा 2022 निर्धारित की गई है। पहले इस तरह की कोई सीमा निर्धारित नहीं थी।
- आवास क्षेत्र को संरचना क्षेत्र का दर्जा दिये जाने जैसे अनेक पहलों के माध्यम से वहन योग्य आवास में सक्षम पर्यावरण प्रणाली समाहित की गई और आयकर आदि से लाभ में छूट का प्रावधान भी किया गया है।
श्री नायडू ने कहा कि वहन योग्य आवास में बड़े पैमाने पर निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए उनका मंत्रालय आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के प्रत्येक पात्र लाभार्थी को 1.50 लाख रूपये की केन्द्रीय सहायता देने पर विचार कर रहा है। यह सुविधा निजी भूमि पर बन रही परियोजनाओं के लिए भी होगी। मंत्रालय ने अब तक केवल राज्य सरकारों की साझेदारी की पीटीएमएवाई (शहरी) के साझेदारी घटक के अंतर्गत 5,83,427 मकानों के निर्माण को स्वीकृति दी है।
2022 तक सभी के लिए आवास का लक्ष्य प्राप्ति की रणनीति की चर्चा करते हुए श्री नायडू ने बताया कि 15 राज्य /केन्द्र शासित प्रदेश 2019 तक सभी के लिए आवास लक्ष्य पूरा कर लेंगे। ये राज्य हैं – केरल, हिमाचल प्रदेश, जम्मू तथा कश्मीर, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नगालैंड,सिक्किम, त्रिपुरा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव तथा पुड्डुचेरी।
अन्य बडे राज्यों से 2018 के अंत तक आवास प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा गया है ताकि 2022 तक मकान निर्माण का कार्य पूरा किया जा सके।
आवास मंत्री ने बताया कि पीएमएवाई (शहरी) योजना लॉच होने के 22 महीने के अंदर शहरी गरीब के लिए 97,489 घर बनाये गये हैं। श्री नायडू ने पीएमएवाई (शहरी) को लागू करने में निम्नलिखित राज्यवार ब्यौरा दिया।
राज्य | निर्माण के लिए रियायती मकानों को स्वीकृति | बनाये जाने वाले मकान | पूरे हुए मकान |
तमिलनाडु | 2,27,956 | 86,132 | 8,382 |
मध्य प्रदेश | 2,09,711 | 58,938 | 3,331 |
आंध्र प्रदेश | 1,95,047 | 54,082 | 2,892 |
कर्नाटक | 1,46,548 | 79,317 | 14,328 |
गुजरात | 1,44,687 | 92,367 | 28,070 |
पश्चिम बंगाल | 1,44,369 | 45,269 | 5,665 |
महाराष्ट्र | 1,26,081 | 39,957 | 6,963 |
बिहार | 88,293 | 35,752 | 2,460 |
तेलंगाना | 82,985 | 20,640 | 776 |
झारखंड | 64,567 | 42,654 | 2,672 |
ओडिशा | 48,855 | 17,389 | 1,472 |
त्रिपुरा | 45,908 | 40,639 | 5,665 |
शहरीकरण के निरंतर प्रक्रिया होने और प्रवासन के संदर्भ में आवास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किराये के मकानों को भी प्रोत्साहित करने की जरूरत है। श्री नायडू ने बताया कि शीघ्र ही राष्ट्रीय शहरी किराया मकान नीति की घोषणा की जाएगी ताकि प्रवासी श्रमिकों,विद्यार्थियों और अकेली कामकाजी महिला की आवश्यकताएं पूरी हो सके।
इस नीति में सरकारी समर्थन से सामाजिक किराया मकान तथा बिना सरकारी समर्थन के बाजार प्रेरित किराया मकान में निवेश को प्रोत्साहित करने के उपाय शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि सभी के लिए मकान मिशन के पूरक के रूप में किराया का मकान कारगर होगा।
श्री वेंकैया नायडू ने बताया कि रियल स्टेट अधिनियम 2016 के शेष 32 सेक्सनों को कल रात अधिसूचित किया गया। यह सेक्सन कंप्टीशन सर्फीटिकेट प्राप्त नहीं करने वाली जारी परियोजनाओं के पंजीकरण से संबंधित और अनुपालन नहीं करने के लिए दंड से संबंधित है। यह अगले महीने की पहली तारीख से प्रभावी होंगे। उन्होंने कहा कि अधिनियम के अंतर्गत तीन महीने के अंदर परियोजनाओं तथा रियल स्टेट एजेंटों को नियामक प्राधिकार से पंजीकृत होना पड़ेगा।