देहरादून: प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 धन सिंह रावत ने विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में सहकारिता विभाग को भारत सरकार से मिलने वाले 26 सौ करोड़ रूपये के लिए बनायी जाने वाली योजना के सम्बन्ध में बैठक की। उन्होंने कहा कृषकों की आय दोगुनी करना सरकार का लक्ष्य है। कृषकों की आय को बढ़ाने पर इस योजना को केन्द्रीत किया जायेगा। इसमें सामूहिक कृषि विकसित करना, मार्केटिंग सोसाइटी को विकसित करना, कृषि आधारित उत्पाद के विपणन व्यवस्था को मजबूत करना इत्यादि विषय पर फोकस करने को कहा गया। उन्होंने कहा प्रत्येक सहकारी समिति में उक्त योजना से सम्बधित कार्य योजना के प्रस्ताव मंगा लिया जाय। इस प्रस्ताव को कैबिनेट में पास करने के पश्चात भारत सरकार को भेजा जाय।
साधन सहकारी समिति को मजबूत करने के लिए कम्प्यूटरीकरण पर बल दिया गया। मंत्री ने कहा कम्प्यूटरीकरण के पश्चात विभाग की प्रमाणिकता और विश्वसनियता बढेगी। वर्तमान में साधन सहकारी समिति के कम्प्यूटरीकरण के लिए 60 प्रतिशत भारत सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार एवं साधन सहकारी समिति अंशदान निर्धारित है। बैठक में कहा गया हिमालयन राज्य के तर्क पर भारत सरकार का अंशदान 80 प्रतिशत करने सम्बन्धित प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा जायेगा। इस उपाय से जनपद में स्थानीय रोजगार और विपणन बाजार को विस्तार मिलेगा और मार्केटिंग सोसाईटी का विकास होगा। इसके लिए भारत सरकार अलग से धनराशि देगी।
सभी साधन सहकारी समितियों को बहुउद्देशीय बना दिया गया है। इससे उत्तराखण्ड राज्य सहकारिता के क्षेत्र में एक आदर्श राज्य के रूप में विकसित होगा।
मंत्री ने कहा दीनदयाल उपाध्याय कृषि ऋण योजना विषय पर मुख्यमंत्री 4 एवं 5 अप्रैल को पिथौरागढ़, नैनीताल, लोहाघाट के भ्रमण कार्यक्रम पर रहेंगे। इस कार्यक्रम से हजारों कृषकों को लाभान्वित किया जायेगा।
इस अवसर पर अध्यक्ष सहकारी समिति दानसिंह रावत, अध्यक्ष उत्तराखण्ड सहकारिता संघ घनश्याम नौटियाल सचिव आर0 मीनाक्षी सुन्दरम, अपर सचिव तुलसी राम, निबंधक सहकारिता बी0एम0मिश्रा इत्यादि मौजूद थे।