विश्व की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी साइना नेहवाल इस समय खराब फॉर्म से जूझ रही हैं। ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप के पहले दौर में ही हारकर बाहर हो जाना, निराशाजनक रहा था। बावजूद इसके इस हैदराबादी खिलाड़ी ने अभी हार नहीं मानी है। 4 अप्रैल से शुरू हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए साइना कड़ी मेहनत कर रही हैं। साथ ही इस टूर्नामेंट में उन्हें उम्मीद है कि एक बार फिर वह गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रहेगी।
गौरतलब है कि साइना नेहवाल का कॉमनवेल्थ गेम्स से पुराना राब्ता (रिश्ता) रहा है। साल 2006 के मेलबर्न कॉमनवेल्थ गेम्स में साइना नेहवाल ने मिक्स्ड टीम वर्ग में कांस्य पदक जीता था। उस वक्त साइना महज 16 वर्ष की थी। इसके बाद दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के सिंगल वर्ग में अपना वर्चस्व कायम रखते हुए उन्होंने देश के लिए सोना जीता, जबकि मिक्स्ड टीम वर्ग में सिल्वर मेडल।
इस बार भी साइना नेहवाल को उम्मीद है कि वह कारनामा दोहराने में कामयाब रहेंगी। DNA एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “मेरा नाम मेलबर्न के कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल किया गया था। मैं उस समय बैडमिंटन जगत में बिल्कुल नई थी। वो मेरे करियर का शुरूआती दौर था। 16 साल की उम्र में इतने बड़े स्टेज पर हिस्सा लेना, वाकई मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी।”
पिछले कुछ वर्षों से साइना नेहवाल चोट से गुजर रही थी। जिसकी वजह से उनका धार भी चला गया। हालांकि, वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य जीतकर साइना ने जबरदस्त वापसी की। इसके बाद नेशनल टूर्नामेंट के फाइनल में भी उन्होंने सिंधु को मात दी थी। साइना ने आगे कहा, “मैं इस टूर्नामेंट में बतौर खिलाड़ी अपने प्रतिष्ठा के अनुरूप खेलना चाहती हूं। इसके बाद हमें एशियन गेम्स भी खेलना है। इसलिए आगामी टूर्नामेंट में मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना चाहती हूं।”