देहरादून: श्री अनिल0के0 रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने श्री सतीश चन्द्र शुक्ल, आई0पी0एस0 से0नि0 द्वारा लिखित उपन्यास ‘बाल-गुरू’ का विमोचन ऊषा क्लब, ऊषा कालोनी, सहस्त्रधारा रोड़, देहरादून में किया गया। कार्यक्रम का संचालन डा0 राम विनय सिंह, प्रो0 डीएवी कालेज देहरादून द्वारा किया गया।
उपन्यास का सार-संक्षेपः-बाल-गुरु एक आत्म-कथात्मक अभिव्यक्ति है, जिसमें कथानक का मुख्य पात्र बुस्सैन, जो किशोर वय को प्राप्त हो रहा है, अपने से उम्र में छोटे किन्तु कुशाग्र सहपाठी को मित्र बना लेता है। बुस्सैन की ग्रामीण परवरिश और मित्र की कस्बाई संस्कृति आपस में घुलने लगती हैं। बुस्सैन का बाहुबल और मित्र का बुद्धिबल परस्पर घनिष्ठता का कारण बन जाता है। इसके बाद मित्र के नन्हें मस्तिष्क में बुस्सैन के किशोर विचार प्रवेश करने लगते हैं और हर-दिन एक नया-काण्ड कथानक में जुड़ता जाता है। बाल-गुरु ऐसी ही जीवन्त घटनओं की एक लयपूर्ण श्रृंखला है जो स्कूल की शरारतों, अपरिपक्व-उम्र की यौन वर्जनाओं और भ्रान्तियों का ऐसा दस्तावेज है जो अनेक ऐसे सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं तथा विषयों की ओर ध्यानाकर्षण करता है, जिनके बारे में लोग आज भी खुल कर बात करने से कतराते हैं। यही दोहरी मानसिकता अन्त में व्यक्तित्व की कमजोरी बन जाती है।
श्री शुक्ल, पुलिस उपमहानिरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुये तथा वर्तमान में सदस्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण, देहरादून है इनके द्वारा पूर्व में दो कहानी ‘और लड़की जीत गई’ एवं ‘आस-पास’ तथा उपन्यास ‘इत्नी सी बात’ भी लिखे गये।
उक्त कार्यक्रम में प्रमुख रुप से उपस्थित श्री इन्दु कुमार पाण्डे, पूर्व मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन, पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री पी0डी0 रतूड़ी, श्रीमती कचन चौधरी, श्री ज्योति स्वरूप पाण्डे, श्री सत्याव्रत बनसल, श्री सुभाष जोशी, श्री राम सिंह मीणा, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन, श्री दीपम सेठ, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, श्री अमित सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक संचार, श्रीमती निवेदिता कुकरेती, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में उपस्थित सभी महानुभवों द्वारा श्री शुक्ल को उनके द्वारा लिखित उपन्यास हेतु शुभकामनायें दी गयी।