नई दिल्लीः राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपपति भवन में नवाचार तथा उद्यमशीलता के उत्सव (फाइन) का उद्घाटन किया और गांधीवादी युवा प्रौद्योगिकी नवाचार पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि अपेक्षाकृत नये और बेहतर भारत के निर्माण के लिए कुछ विकासात्मक उद्देश्यों को पूरा करने की जरूरत है, इनमें से कुछ तो 2022 के पहले ही जब हम अपनी स्वतंत्रता की 75वीं यादगार वर्षगांठ मनाएंगे। इसका केन्द्र एक मिश्रित तथा प्रसन्न समाज की स्थापना करना है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य का अहसास करने का अवसर प्राप्त हो। नवाचार समाज ऐसे भारत का लक्ष्य होगा और एक नवाचार संस्कृति हमें इस उद्देश्य तक पहुंचने का मुख्य स्रोत होगी। इसके लिए हर नवाचार मूल्य कड़ी के प्रत्येक सम्पर्क को पुनर्जीवित करने की जरूरत है। हमें ऐसे विद्यालयों की जरूरत है, जिसमें बच्चे याद करने या रट्टा लगाने की बजाय संवारना सीखे। हमें ऐसी संस्कृति चाहिए, जिसमें नीचे देखने की और नकारात्मक उत्तर देने की बजाय युवा प्रतिभा अवलोकन और प्रश्न करें। नि:संदेह हमें आवश्यकता है कि सरकार एक सुविधाजनक वातावरण मुहैया करवाए।
राष्ट्रपति ने कहा कि नवाचार अपने आप में पर्याप्त नहीं है। हमें नवाचारों को उद्यमों में परिवर्तित करने की पारिस्थितिकी का निर्माण भी करना चाहिए। इसके लिए स्टार्टअप और युवा नवाचारों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। फाइन की अवधारणा कल्पनारूपी पक्षी के दोनों पंखों को जोड़ती है। हमें नवाचारों को उद्यमों में परिवर्तित करने के लिए सभी सम्पर्कों को वित्त, निगरानी और नीति् संबंधी सहायता प्रदान कर जोड़ने की जरूरत है।
फाइन का आयोजन, नवाचारों की पहचान, सम्मान, प्रदर्शन और पुरस्कृत करने की तथा नवाचारों के लिए एक सहायक पारिस्थितिकी पोषित करने के लिए राष्ट्रपति भवन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विज्ञान विभाग, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान के सौजन्य से 19-23 मार्च, 2018 तक एक पहल है।
फाइन की ही अंगभूत, नवाचारों की एक प्रदर्शनी होगी, जो कि 20-23 मार्च, 2018 तक दोपहर 12 बजे से सायं 5 बजे तक जनता के अवलोकनार्थ खुली रहेगी। आगन्तुक राष्ट्रपति भवन के गेट नम्बर 35 (नॉर्थ एवेन्यु के निकट) से प्रवेश कर सकेंगे।