चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने छोटे दुकानदारों, रेहड़ीवालों, फड़ीवालों और खोखा या क्योस्क मालिकों की वाणिज्यक सम्पत्ति की आग लगने, बिजली की दुर्घटना, बाढ़,भुकम्प, दंगों और प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान होने पर दिए जाने वाले मुआवजे के सम्बन्ध में संशोधित दिशानिर्देश जारी किए है।
शहरी स्थानीय निकाय-सह-अग्नि-शमन विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि शहरी सम्पत्तियों के सम्बन्ध में नगरपालिकाओं की सीमाओं के भीतर 200 वर्ग फीट क्षेत्र तक की दुकानें मुआवजे की पात्र होंगी। नगरपालिकाओं की सीमा के भीतर की रेहड़ी, फड़ी, खोखा या क्योस्क को कवर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नुकसान के मुआवजे के दावे के लिए प्रभावित व्यक्तियों को सम्बन्धित नगरपालिका कार्यालय में लिखित में सूचना देनी होगी।
नगर निगम के सम्बन्ध में संयुक्त आयुक्त नगर निगम की अध्यक्षता में एक समिति आग लगने, बाढ़, बिजली दुर्घटना, भूकम्प, दंगों और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए सम्पत्ति के नुकसान की स्थिति का आंकलन करेगी। इसी प्रकार, उप-मण्डल मैजिस्टे्रट की अध्यक्षता में एक समिति नगर परिषद् या नगरपालिका के अधिकार क्षेत्र में पडऩे वाले क्षेत्रों में आंक लन करवाएगी।
यह समिति सात दिनों के भीतर नगर निगम के सम्बन्ध में सहायता प्रदान करने के लिए आयुक्त नगर निगम को सिफारिश करेगी और नगर परिषद् या नगरपालिका के सम्बन्ध में उपायुक्त को सिफारिश करेगी। मुआवजा सम्बन्धित नगरपालिका द्वारा अपने कोष में से सम्पत्ति मालिकों को आरटीजीएस या बैंक ट्रांसफर के माध्यम से मुआवजे की अदायगी की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके उपरान्त वे पांच दिनों की अवधि के भीतर निदेशालय शहरी स्थानीय निकाय से प्रतिपूर्ति की मांग करेंगे।
200 वर्ग फीट तक की दुकान के सम्बन्ध में एक लाख रुपये तक के नुकसान के लिए शतप्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। इसी प्रकार, एक लाख और दो लाख रुपये के बीच के नुकसान के लिए 75 प्रतिशत, दो लाख रुपये और तीन लाख के बीच की राशि के नुकसान के लिए 60 प्रतिशत मुआवजा, तीन लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक के नुकसान के लिए 50 प्रतिशत, पांच लाख रुपये और सात लाख रुपये के बीच की राशि के नुकसान के लिए 40 प्रतिशत और सात लाख से 10 लाख रुपये के बीच के नुकसान के लिए 30 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा, यदि नुकसान 10 लाख रुपये से अधिक है तो कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा।
खोखा या क्योस्क के सम्बन्ध में प्रभावित व्यक्तियों को 30 हजार रुपये तक के नुकसान के लिए शतप्रतिशत मुआवजा, 30 हजार रुपये और 50 हजार रुपये के बीच के नुकसान के लिए 75 प्रतिशत मुआवजा, 50 हजार रुपये और एक लाख रुपये के बीच के नुकसान के लिए 60 प्रतिशत मुआवजा, एक लाख रुपये से 1.5 लाख रुपये के बीच के नुकसान के लिए 50 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। यदि नुकसान 1.5 लाख रुपये से अधिक होगा तो मुआवजा नहीं दिया जाएगा।
इसी प्रकार रेहड़ी या फड़ी श्रेणी के तहत मुआवजे की मात्रा शतप्रतिशत होगी और 30 हजार तक और 30 हजार रुपये और 50 हजार रुपये के बीच के नुकसान के लिए 75 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। 50 हजार रुपये से अधिक के नुकसान के सम्बन्ध में कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा।