देहरादून: हिमालय दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन के तत्वाधान में आई.आर.डी.टी, राजकीय महिला आई.आई.टी परिसर में अवस्थित आॅडिटोरियम में ‘‘हिमालय दिवस’’ के अवसर पर हिमालय क्षेत्रों में आजीविका संवर्द्धन एवं पलायन की रोकथाम एवं सफलता की कहानियों पर विचार गोष्ठी एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में जनपद के प्रभारी मंत्री/शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर प्रभारी मंत्री ने कहा की राज्य के 17 वर्ष के निर्माण के बाद हिमालय बचाने के लिए पिछले वर्षों में कुछ न कुछ कार्य आवश्यक हुए हैं परन्तु अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प से सिद्धि के प्रयास से हम उत्तराखण्ड की आजीविका, पलायन और आपदा विषय के चुनौतियों का आसानी से समाधान कर सकते हैं। हम अपने कार्य का संकल्प लेकर आगे बढ़ेंगे तब निश्चित रूप से हमें सिद्धि मिलेगी। श्री कौशिक ने कहा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत सरकार के नेतृत्व में आजीविका, पलायन व आपदा की चुनौती से निपटने के लिए संकल्प लिया गया है, इसलिए इसकी सिद्धि आवश्य मिलेगी। उन्होंने कहा पलायन राज्य की विशेष चुनौती है, इसे देखते हुए सरकार ने पलायन आयोग का गठन किया। पिछले दिनों हमारी आपदा टीम ने दुनिया को दिखा दिया है, की हम विपरीत परिस्थितियों में कार्य कर सकते हैं। आजीविका के क्षेत्र में सरकार अनेक कार्य कर रही है।
इस अवसर पर विधायक राजपुर खजानदास, मसूरी गणेश जोशी, रायपुर उमेश शर्मा काऊ, सहसपुर सहदैव पुण्डीर एवं विकासनगर मुन्ना सिंह चैहान ने हिमालय दिवस के अवसर पर अपने-अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि शासन स्तर से दिशा-निर्देश जारी किये गये थे कि हिमालय दिवस के अवसर पर ऐसी गोष्ठी एवं परिचर्चा का आयोजन किया जाये, जिसमें कृषि के क्षेत्र में, औद्योगिक के क्षेत्र एवं आजीविका के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों की सफलता की कहानी एवं उनके द्वारा प्राप्त की गयी उपब्धियों के सम्बन्ध में एक विचार-गोष्ठी का आयोजन कर उनके विचारों एवं सुझावों को संकलित कर शासन स्तर पर प्रेषित करने को कहा गया। उन्होने कहा कि हिमालय दिवस के अवसर पर कई प्रतिभावान व्यक्तियों एवं महिलाओं द्वारा अपनी सफलता की कहानी एवं उपब्धियों पर विस्तार से चर्चा की गयी है, जो उनके किये गये कार्याें के लिए वे साधुवाद के पात्र हैं, जिन्होने अपने जीवन में कई संघर्ष के बावजूद भी सफलता हासिल की है तथा समाज के लिए कुछ करने का बेड़ा उठाया है, जिससे समाज को इसका अवश्य लाभ प्राप्त होगा। उन्होने सभी अधिकारियों को भी निर्देश दिये हैं कि जिन्होने अपनी निष्ठा एवं कर्तव्य से अपने कार्यों का निर्वहन किया है वह हमेशा प्रशंसा के पात्र होंगे तथा जब भी ऐसी गोष्ठी एवं परिचर्चा होगी ऐसे लोगों का नाम सदैव स्मरण किया जायेगा। उन्होने सभी अधिकारियों से यह अपेक्षा की है कि हमें जीवन समाज हित में अवश्य ऐसा कोई कार्य करना चाहिए, जिससे कि हमारी पहचान हो तथा लोग हमें, सदैव स्मरण करते रहें।इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत ने भी अपने सम्बोधन में कहा कि हिमालय दिवस के अवसर पर जो भी कार्यक्रम आयोजित किया गया है तथा सभी के प्रयासों से कार्यक्रम बहुत ही सफल रहा है तथा जिन्होने भी अपने सफलता की कहानी रखी है वह स्मरणीय एवं प्रेरणादायी है। उन्होने ऐसे व्यक्तियों एवं महिलाओं प्रयासों का साधुवाद किया । उन्होने कहा हमें कम समय प्राप्त हुआ है फिर भी कई लोगों द्वारा अपनी सफलता की कहानी प्रस्तुत की है भविष्य में प्रयास किया जायेगा की ऐसे अधिक से अधिक लोगों की सहभागिता करने के लिए गोष्ठी एवं परिचर्चा का आयोजन कर अधिक से अधिक लोगों को आमंत्रित किया जायेगा।
गोष्ठी एवं परिचर्चा कार्यक्रम में श्री राजेन्द्र सिंह बिष्ट ने जैविक खेती के माध्यम से उनके द्वारा किये जा रहे प्रयासों एवं अनुभवों क बारे में अपनी सफलता की कहानी बताई, इसी तरह श्री ओम प्रकाश काम्बोज डोईवाला तथा श्री दीपक उपाध्याय नकरोंदा डोईवाला द्वारा एवं श्री सुरेन्द्र सिंह कठैत द्वारा बागवानी के क्षेत्र में किये गये अभिनव प्रयासों के क्षेत्र में अपनी कहानी बताई गयी तथा उद्योग के क्षेत्र में श्री कमलप्रीत ने भी एलईडी बल्ब बनाने के सम्बन्ध में अपनी सफलता की कहानी की जानकारी दी गयी। इसी क्रम में श्री विजय दुग्गल (कर्नल) डेरी के क्षेत्र में किये गये अभिनव प्रयासों के बारे में जानकारी दी गयी तथा श्री शरद शर्मा ग्राम नकरोंदा डोईवाला ने अपनी सफलता की कहानी सुनाते हुए सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि दुग्ध उत्पादको ंको दूध का उपार्जन करने पर 4 प्रतिशत् बोनस दिया जाता था वह वर्तमान में बन्द कर दिया गया है इसे दुबारा प्रारम्भ किया जाये तथा दुग्ध व्यवसाय करने वालों को विद्युत विभाग द्वारा कमर्शियल बिल दिया जा रहा है, चंूकि यह एक कृषि का ही अंग है इसे कृषि व्यवसाय से जोड़ते हुए इसमें छूट प्रदान करने का अनुरोध किया। इसी प्रकार शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे अभिनव प्रयासों के लिए आसरा ट्रस्ट द्वारा भी स्कूल से बाहर बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए अभिनव प्रयास किये जा रहे, जिससे उनके द्वारा अब-तक 500 बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया गया है। इसी प्रकार महिलाओं द्वारा भी डेरी विकास के क्षेत्र में कमला कैन्तुरा एवं सुमन भण्डारी घमण्डपुर फार्म डेरी संगठन के द्वारा किये जा रहे अनुभव प्रयासों के की कहानी गोष्ठी में बताई। इसी तरह आजीविका क्षेत्र से जुड़े महिला समूह द्वारा श्रीमती रेखा देवी संघर्ष स्वंय सहायता समूह कालसी द्वारा भी महिलाओं को समूह बनाकर आत्मनिर्भर बनाने के लिए 300 महिलाओं का समूह बनाया गया जिसमें वर्तमान में 750 महिलाएं कार्य कर रही है। इसी तरह श्रीमती श्यामादेवी महिला जागृति समूल हरर्बटपुर द्वारा भी कम संशाधनों के चलते 10 महिलाओं का समूह बनाया गया है, जिसमें उनके द्वारा 25 हजार के ऋण के माध्यम से सिलाई का कार्य किया गया, वर्तमान में उनके द्वारा 10-12 संगठन तैयार किये गये हैं जिसमें 25 सिलाई की मशीने तथा 10 जूट की मशीनें हैं तथा 100 महिलाएं कार्य कर रही हैं तथा उनके द्वारा 1 लाख जूट के बैग अब-तक बाजार में बेचे जा चुके हैं। इसी प्रकार श्रीमती लता नेपाली रायपुर द्वारा महिला जागृति समूह का गठन कर 250 से अधिक समूह उनके द्वारा गठित किये गये हैं के सम्बन्ध में भी अपनी सफलता के बारे में जानकारी दी गयी। इसी प्रकार स्वंय सहायता समूह विकासनगर से श्रीमती फरजाना द्वारा भी कम आय में किस तरह से अपना समूह संगठित किया गया है के सम्बन्ध में अपनी सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी तथा शिक्षा के क्षेत्र में राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री हुकुम सिंह उनियाल द्वारा अपने 37 वर्ष के कार्यकाल में बच्चों शिक्षा के लिए किये गये प्रयासों के सम्बन्ध में विस्तार से अपनी कहानी का वर्णन किया गया। इसी प्रकार श्री भास्कर गर्ग द्वारा भी मैथमेटिक प्रयोगशाला के लिए किये गये अभिनव प्रयासों के सम्बन्ध में भी विस्तार से प्रस्तुतीकरण किय गया।
गोष्ठी कार्यक्रम में ग्राम्य विकास, उद्यान, कृषि, शिक्षा, उद्योग, डेरी विकास आदि विभागों द्वारा संचालित योजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन नालिनी घिल्डियाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर परियोजना निदेशक राजेन्द्र सिंह, जिला विकास अधिकारी प्रदीप पाण्डेय, मुख्य शिक्षा अधिकारी सहित सभी विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।