लखनऊ: प्रदेश सरकार द्वारा सड़क दुर्घटनाओं को रोकने हेतु प्रत्येक बुधवार को प्रदेश स्तर पर हेल्मेट व सीटबेल्ट न लगाने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। परिवहन एवं गृह विभाग द्वारा संयुक्त रूप से चलाये जा रहे इस अभियान के दौरान दोपहिया वाहन के पीछे बैठने वाले को भी हेल्मेट लगाया है कि नहीं इसकी जांच की जायेगी। चार पहिया वाहन चालकों को सीटबेल्ट लगाना और दोपहिया चालकों को हेल्मेट पहनना अनिवार्य है। साथ ही अगस्त 2016 से दो पहिया चालकों के पीछे बैठने वाले को भी हेल्मेट पहनना अनिवार्य किया गया है।
प्रमुख सचिव परिवहन श्रीमती आराधना शुक्ला ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार प्रत्येक बुधवार को ‘हेल्मेट एवं सीटबेल्ट दिवस’ के रूप में मना रही है। प्रदेश में कल इस अभियान का तीसरा दिन होगा। नगरीय निकाय चुनाव के दौरान इस अभियान में शिथिलता थी, जिसे अब सख्ती से चलाया जायेगा। विगत दो अभियानों में 4775 ऐसे वाहनों का चालान किया गया, जिसके चालक हेल्मेट व सीटबेल्ट नहीं लगा रखे थे।
उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एफ.एम. रेडियो, टेलीविजन, समाचार पत्र, पोस्टर एवं पम्पलेट आदि प्रचार-प्रसार माध्यमों का सहारा लिया जा रहा है। फिर भी वाहन चालक बिना हेल्मेट व सीटबेल्ट लगाये वाहन चालते मिलें, तो इनके विरुद्ध कार्रवाई होगी।
प्रमुख सचिव, परिवहन ने बताया कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2016 में 35,612 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें से 19,320 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई तथा 25,096 व्यक्ति घायल हुए। उन्होंने बताया कि अधिकांशतः पाया गया कि दो पहिया वाहनों पर सवार व्यक्तियों का हेल्मेट न पहनना एवं चार पहिया वाहनों में सवार व्यक्तियों द्वारा सीटबेल्ट न लगाया जाना ही उनकी मृत्यु एवं चोटों का मुख्य कारण रहा। अतः सरकार द्वारा सुरक्षा के दृष्टिगत इसे अनिवार्य कर दिया गया है और इसकी जांच करने के लिए अब प्रत्येक बुधवार को अभियान चलाया जा रहा है।