नई दिल्ली: जाने-माने समाजसेवी अन्ना हजारे ने मोदी सरकार पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने, लोकपाल तथा लोकायुक्तों की नियुक्ति तथा अन्य वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि यदि इन आश्वासनों को पूरा नहीं किया गया तो वह दो अक्तूबर से रालेगणसिद्धि में फिर से आंदोलन शुरू कर देंगे। अन्ना ने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डा जितेन्द्र सिंह को गुरुवार को पत्र लिखकर आंदोलन के बारे में आगाह किया है। इस पत्र की प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस को भी भेजी गयी है।
उन्होंने लिखा है कि इन मांगों को लेकर वह गत 23 मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे थे और तब सात दिन बाद केन्द्र सरकार ने उनकी मांगों को मानने का आश्वासन देकर उनका अनशन तुड़वाया दिया था। इस आश्वासन पत्र पर डा़ सिंह ने ही हस्ताक्षर किये थे। इसके बाद से इन मांगों को पूरा करने की दिशा में किसी तरह का कदम नहीं उठाया गया है। अन्ना हजारे ने लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने , किसानों को फसल लागत का डेढ गुना मूल्य देने , लोकपाल और लोकायुक्तों की नियुक्ति करने तथा देश में पर्याप्त कोल्ड स्टोरेज बनाने का वादा किया था। सरकार बनने के बाद भी प्रधानमंत्री ने इन वादों को पूरा करने का आश्वासन दिया था।
अन्ना ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को कई बार पत्र लिखकर इन वादों की याद दिलायी है लेकिन उनकी ओर से केवल इतना ही जवाब मिलता है कि आपका पत्र मिला। उन्होंने कहा है कि वह मोदी सरकार को इस पत्र के माध्यम से एक बार फिर उसके आश्वासनों तथा वादों की याद दिला रहे हैं और यदि इन्हें पूरा नहीं किया जाता है तो वह आगामी 2 अक्टूबर से एक बार फिर रालेगणसिद्ध में आंदोलन शुरू करेंगे। उल्लेखनीय है कि अन्ना हजारे ने वर्ष 2011 में भी रामलीला मैदान में लोकपाल की नियुक्ति तथा अन्य मांगों को लेकर आंदोलन किया था। संजीव , अभिनव
रॉयल बुलेटिन