मोदी सरकार ने पासपोर्ट के कलर को नीले से बदलकर नारंगी करने और पासपोर्ट के आखरी पेज पर निजी ब्यौरा अंकित करने के फैसले को वापस ले लिया है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये फैसले लिए गए. अब ECR के दायरे में आने वाले लोगों को नारंगी रंग के कवर वाला पासपोर्ट नहीं बनवाना पड़ेगा.
विदेश मंत्रालय ने काफी विरोध के बाद सरकार ने ये फैसला लिया है कि पासपोर्ट का रंग नीला रहने के साथ ही इसका आखिरी पन्ना भी पहले की तरह ही छापा जाए. एमईए और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति की अनुशंसा पर यह फैसला लिया गया है. इसका विरोध करने वाले लोगों का कहना था कि नारंगी रंग का पासपोर्ट जारी कर सरकार सामाजिक और आर्थिक आधार पर भेदभाव कर रही है. खासकर खाड़ी देशों में काम के लिए जाने वाले भारतीय नागरिकों को सेकेंड क्लास सिटिजन के तौर पर देखा जाएगा.
इस तीन सदस्यीय कमेटी में कहा गया था कि ऐसी व्यवस्था हो, जहां माता या बच्चों को पासपोर्ट पर पिता का नाम लिखने के लिए बाध्य न किया जाए. सिंगल पैरेंट या गोद लिए हुए बच्चों को भी ऐसा न करना पड़े.आपको बता दें पासपोर्ट के आखिरी पेज पर पासपोर्ट होल्डर के पिता का नाम, माता या पत्नी का नाम, पता, इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड (ECR) की जानकारी होती है.
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