नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य ठहारए जाने के मामले में कांग्रेस ने टिप्पणी की है। कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि चुनाव आयोग ने फैसला तो जरूर लिया है लेकिन भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी की सांठ गांठ थी, इसलिए फैसले में देरी की। माकन ने कहा कि- 22 दिसंबर को चुनाव आयोग ने तीन राज्यसभा की सीट को डिक्लेयर किया। हमारा यह कहना है कि अगर यह 19 जनवरी की जगह 22 दिसंबर को यह फैसला लिया जाता तो 22 दिसंबर से पहले आम आदमी पार्टी टूट जाती। जब 20 विधायक, वोट ही नहीं कर पाते तो आम आदमी पार्टी के अंदर इतना विभेद था कि इनके तीनों राज्यसभा के अंदर चुन कर नहीं जाते।
भाजपा और आप के बीच डील हुई
माकन ने कहा कि ऐसे में भाजपा और आप के बीच एक डील हुई जिसकी वजह से राज्यसभा के प्रत्याशी चुने जाने के फौरन बाद आयोग ने यह सिफारिश कर दी। माकन ने कहा कि हम यह जानना चाहते हैं कि 22 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच चुनाव आयोग क्या कर रहा था? क्या ऐसी नई गतिविधि हुई है इस दौरान जिसमें आयोग ने यह फैसला 22 दिसंबर से पहले की जगह 19 दिसंबर को लिया है।
चुनाव आयोग क्या कर रहा था?
माकन ने कहा कि हम यह जानना चाहते हैं कि 22 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच चुनाव आयोग क्या कर रहा था? क्या ऐसी नई गतिविधि हुई है 19 जनवरी को फैसला लिया गया है। माकन ने कहा कि इनके विधायक, जो लाभ के पद के मामले में पाए गए हैं, उनके बिजली,पानी और फर्नीचर तक का खर्चा दिया है। आप के नेता सौरभ भारद्वाज झूठ बोल रहे हैं।
कांग्रेस है तैयार
माकन ने कहा कि आगे संभावित चुनावों के लिए कांग्रेस तैयार है। हम पूरी दिल्ली में अपने कार्यकर्ताओं की बैठक करेंगे। आंदोलन करेंगे और हमें उम्मीद है कि तीन साल पहले दिल्ली की जनता ने जो भूल की थी, वो सुधारेगी। माकन ने कहा कि कल से कांग्रेस, अरविंद केजरीवाल के दफ्तर पर आंदोलन करेगी। केजरीवाल को मुख्यमंत्री बने रहने का कोई हक नहीं है। उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।