लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सर्किट हाउस, इलाहाबाद में आज मण्डलीय समीक्षा के पहले अर्द्धकुम्भ मेले की तैयारियों से सम्बन्धित सभी विषयों की गहन समीक्षा की। उन्होंने अर्द्धकुम्भ से जुडे़ सभी कार्यों का सूक्ष्मतम ब्योरा अधिकारियों से तलब किया तथा एक-एक विभाग की गहराई से पड़ताल करते हुए तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने प्रत्येक विभाग को अर्द्धकुम्भ मेले से सम्बन्धित सारे कार्य सितम्बर, 2018 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस अर्द्धकुम्भ को उत्तर प्रदेश की ब्रांडिंग का एक गौरवमय मंच बनाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करें। मुख्यमंत्री ने तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि यह अर्द्धकुम्भ हम सबके लिए एक अवसर की तरह है, जिसका उपयोग उत्तर प्रदेश को एक विकसित प्रदेश के रूप में विश्व के सामने प्रस्तुत करने के लिए किया जा सकता है। पूरा विश्व इस आयोजन को कौतूहल की नजर से देखता है तथा इस प्रकार का सांस्कृतिक जन सम्मेलन पूरे विश्व में प्रयाग के अलावा अन्यत्र कहीं सम्भव नहीं होता। उन्होंने इस आयोजन को भव्यतम बनाने की योजना पर अभी से कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इस अर्द्धकुम्भ के माध्यम से उत्तर प्रदेश को विकास और सुशासन का उदाहरण बनाकर मेले को सफल बनाना है।
योगी जी ने मेले में तीर्थ यात्रियों के आवागमन, यातायात और उनकी सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में होने वाले उन स्थायी निर्माणों, जिनमें यातायात की सुगमता के लिए फ्लाईओवर सहित मेला क्षेत्र में बनने वाले अस्थाई अस्पतालों व नगर क्षेत्र के स्थायी अस्पतालों में मेले के मद्देनजर चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने मेले के लिए बेहतर सफाई व्यवस्था तथा यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था एवं सारी व्यवस्थाओं को संयमित व्यय के साथ निर्धारित बजट के अंदर पूरा करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हर विभाग मेले में होने वाली व्यवस्थाओं के लिए सबसे पहले अपने विभागीय बजट से कार्य की योजना बनाएं तथा आवश्यकता पड़ने पर शासन से अतिरिक्त बजट की मांग करें। उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देशित किया कि समस्त कार्य तय सीमा की अवधि में तथा निर्धारित बजट के अंतर्गत ही पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि अनावश्यक खर्च तथा निर्धारित अवधि में कार्य पूरा करने में शिथिलता किसी भी दशा में क्षम्य नहीं होगी।
योगी जी ने सेतु निगम के अधिकारियों द्वारा हाईकोर्ट के सामने बनने वाले फ्लाईओवर की पूर्णता अवधि दिसम्बर, 2018 तक बताए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की तथा निर्देश दिए कि इससे सम्बन्धित सभी निर्माण सितम्बर, 2018 के अन्त तक अवश्य पूरा कर लिया जाए। उन्होंने यातायात एवं परिवहन की व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि यात्रियों को कम से कम पैदल चलना पड़े, इसके लिए परिवहन निगम की बसों इत्यादि को मेले में 5 किलोमीटर की परिधि में ही पार्क किया जाए। उन्होंने यह अपेक्षा व्यक्त की कि सभी सरकारी कार्यक्रमों में प्रचार पुस्तिकाओं, हैण्डबिल तथा पोस्टर इत्यादि के माध्यम से इस आयोजन को सामाजिक व सांस्कृतिक आयोजन की तरह प्रचारित करते हुए राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी ब्राण्डिंग की जाए।
समीक्षा के दौरान उन्होंने यह निर्देश दिया के मेले के दौरान खाद्य आपूर्ति, बिजली, चिकित्सा व्यवस्था उत्तम गुणवत्ता के साथ सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह निर्देश दिए कि मेले के दौरान तथा मेले के उपरान्त भी इस क्षेत्र की सफाई की एक ठोस कार्य योजना बनाकर कार्य किया जाए। समीक्षा के दौरान मेला प्राधिकरण गठन हेतु शासन को भेजे गए प्रस्ताव पर तत्परता से कार्य करने के निर्देश देते हुए उन्होंने शासन के अधिकारियों को इस कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। विचार-विमर्श के दौरान इस प्राधिकरण का नाम प्रयागराज मेला प्राधिकरण रखने का सुझाव मुख्यमंत्री ने दिया।
बैठक में इलाहाबाद के मण्डलायुक्त डाॅ0 आशीष कुमार गोयल द्वारा पावर प्वाइण्ट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से मेला सम्बन्धी समस्त कार्यों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया। बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, क्षेत्रीय सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण सहित मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी एवं शासन-प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
पूर्व में, मुख्यमंत्री ने इलाहाबाद की नेवादा मलिन बस्ती का आकस्मिक निरीक्षण किया तथा वहां के लोगों के रहन-सहन को देखा। उन्होंने अधिकारियों को जन-स्वास्थ्य एवं सफाई के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। निरीक्षण के क्रम मंें मुख्यमंत्री ने स्वरूप रानी नेहरू मेडिकल काॅलेज अस्पताल में भर्ती मरीजों एवं उनके तीमारदारों से मिले और उनका हाल-चाल जाना। उन्होंने अस्पताल की तरफ से मिल रही सुविधाओं की पड़ताल मरीजों एवं तीमारदारों से की। उन्होंने अस्पताल के चिकित्सकों एवं कर्मियों से अपने कार्याें के प्रति सजग करने के निर्देश देते हुए कहा कि आने वाले मरीजों एवं उनके तीमारदारों से अच्छा बर्ताव किया जाए। मरीजों के समुचित इलाज में कोई कोताही न बरती जाए।