देहरादून: प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण परिवहन, समाज कल्याण, छात्र कल्याण, ग्रामीण तालाब विकास, सीमान्त क्षेत्र विकास, परिक्षेत्र विकास एवं प्रबन्धन, पिछड़ा क्षेत्र विकास मंत्री यशपाल आर्य ने विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक की।
बैठक में श्री आर्य ने मल्टी सेक्टोरल डवलपमेंन्ट प्रोग्राम(एमएसडीपी) की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि भारत सरकार से स्वीकृत कार्याें हेतु प्राप्त केन्द्रांश को 10 दिन के भीतर निर्माण ऐजेंसियों को अवमुक्त कर दिया जाय। उन्होंने कहा कि यह अधिकारियों की घोर लापरवाही है कि भारत सरकार से स्वीकृत निर्माण कार्यों हेतु धनराशि प्राप्त होने के बावजूद निर्माण कार्य शुरू नहीं किए गये हैं। उन्होंने कहा कि जिन निर्माण कार्यों हेतु भारत सरकार से धनराशि प्राप्त हो गई है वे कार्य समय पर पूर्ण कर लिए जाए ताकि आगे धनराशि की मांग की जा सके। मंत्री जी द्वारा इस पर अत्यन्त रोष व्यक्त किया गया कि विभागीय अधिकारियों द्वारा निर्माणाधीन विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण नहीं किया जा रहा है एवं कार्यों की गुणवत्ता को पूर्णतया निर्माण एजेंसियों पर छोड़ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों द्वारा निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण न किया जाना घोर लापरवाही है। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रत्येक जनपद के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को उनके जनपद के अन्तर्गत निर्माणाधीन कार्यों समय-समय पर निरीक्षण करने का कहा जाय। श्री आर्य ने इस बात पर भी कड़ी आपत्ति जाहिर की कि बहुत से कार्यों को भूमि की उपलब्धता के बिना ही स्वीकृत कराया गया है। उन्होंने निर्देश दिये कि किसी भी कार्य को स्वीकृत कराने से पूर्व भूमि का चयन एवं हस्तान्तरण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि जो स्वीकृत कार्य भूमि उपलब्ध न होने के कारण अटके पड़े हैं, उनका हल स्थानीय विधायक/सांसद एवं जिलाधिकारी से वार्ता कर निकाला जाय। उन्होंने कहा कि भूमि उपलब्ध न होने के कारण अटके जनपद हरिद्वार के रूड़की ब्लाॅक में 2 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं बहादराबाद के अन्तर्गत संघीपुर में राजकीय कन्या इण्टर कालेज की भूमि की उपलब्धता सम्बन्धी मसला स्थानीय विधायकों एवं जिलाधिकारी से बात कर हल किया जाए। उन्होंने कहा कि जनपद उधमसिंह नगर के बाजपुर क्षेत्रान्तर्गत स्वीकृत निर्माण कार्याें को शीघ्र शुरू कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए कि स्वीकृत कार्यो के लिए भूमि उपलब्ध न होने कारण राज्य सरकार को केन्द्र से प्राप्त धनराशि को वापस लौटाना पड़े। ऐसी स्थिति के लिए विभागीय अधिकारी जिम्मेदार होंगे। श्री आर्य ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग एवं निदेशालय के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वित्तीय वर्ष 2017-18 के जो प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे जाने हैं। उन्हें शीघ्र तैयार कर भारत सरकार को भेजा जाय। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि विभाग की अगली समीक्षा बैठक 27 सितम्बर को होगी।
इस अवसर पर सचिव अल्पसंख्यक कल्याण विजय ढौंडियाल, निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण कै0 आलोक शेखर तिवारी, अनु सचिव अल्पसंख्यक कल्याण रईस अहमद अन्सारी, अनुभाग अधिकारी अल्पसंख्यक कल्याण कंचन पाण्डे।