नई दिल्ली: श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री बंडारू दत्तात्रेय ने घोषणा की है कि असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ मजदूरों को ईएसआईसी और ईपीएफओ जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में लाया जायेगा। मंत्री महोदय ने कहा कि सरकार असंगठित क्षेत्र सहित कामगारों के लिए मजदूरी, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है। श्री दत्तात्रेय आज यहां अपने मंत्रालय के तीन वर्षों की उपब्धियों पर आधारित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मंत्रालय रोजगार सृजन के नये तरीकों और सुधारों को लागू कर रहा है। भारत व्यापार करने की आसानी और कारगर क्रियान्वयन के लिए श्रम सुविधा पोर्टल जारी करने वाला एकमात्र देश है। मंत्रालय राष्ट्रीय व्यवसाय सेवा (एनसीएस) परियोजना को लागू कर रहा है ताकि देश में जन रोजगार सेवाओं को मजबूती मिले।
श्री दत्तात्रेय ने बताया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान संसद ने निम्नलिखित अधिनियम पारित किये हैं :-
- बाल श्रमिक (रोकथाम एवं नियमन) संशोधन अधिनियम, 2017 के जरिये 14 साल से कम आयु के बच्चों को श्रम में लगाने को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके अलावा जोखिम भरे कामों में 14 से 18 वर्ष के किशोरों को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।
- मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 के तहत महिलाओं को मिलने वाला मातृत्व लाभ 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया। यह लाभ दो मौजूदा बच्चों और दो बच्चों से अधिक के लिए 12 सप्ताह का है।
- मजदूरी भुगतान (संशोधन) अधिनियम, 2017 के तहत नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों को मजदूरी का भुगतान नकद या चैक या सीधे उनके बैंक खाते में करना होगा।
- कर्मचारी क्षतिपूर्ति (संशोधन) अधिनियम, 2017 में एक प्रावधान के तहत अधिनियम की अवहेलना करने पर जो जुर्माना लगता था, उसे बढ़ा दिया गया है। पहले 5,000 रुपये जुर्माना था जिसे बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है, जो एक लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है।
- बोनस भुगतान (संशोधन) अधिनियम, 2015 में धारा 2 (13) के तहत पात्रता सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है।
- औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) अधिनियम, 1946 को एक अधिसूचना के जरिये संशोधित किया गया है। इस संशोधन के जरिये रोजगार बढ़ाने के लिए कपड़ा पैकेज के एक अंग के रूप में कपड़ा (लिबास) क्षेत्र के लिए ‘नियत अवधि रोजगार’ को जोड़ा गया है।
श्रम एवं रोजगार मंत्री ने कहा कि मंत्रालय मौजूदा श्रम कानूनों के संबंध में चार श्रम संहिताएं बनाने की दिशा में काम कर रहा है:-
- मजदूरी पर श्रम संहिता
- औद्योगिक संबंधों पर श्रम संहिता
- सामाजिक सुरक्षा और कल्याण पर श्रम संहिता
- पेशे संबंधी सुरक्षा और काम करने की परिस्थितियों पर श्रम संहिता
मंत्रियों के समूह ने मजदूरी पर श्रम संहिता को मंजूरी दे दी है और उसे स्वीकृति के लिए मंत्रिमण्डल को भेजा जायेगा।
मंत्री महोदय ने कहा कि ‘सी’ क्षेत्र वर्ग में गैर-कृषि मजदूर के लिए न्यूनतम मजदूरी (दैनिक) को 246 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये, ‘बी’ क्षेत्र वर्ग में 437 रुपये और ‘ए’ क्षेत्र वर्ग में 523 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि 9 केन्द्रीय अधिनियमों के तहत सामान्य वार्षिक रिटर्न और ईपीएफओ तथा ईएसआईसी के लिए मासिक सामान्य इलेक्टॉनिक चालान सह रिटर्न जमा करने के लिए श्रम सुविधा पोर्टल एक एकीकृत वेब पोर्टल के रूप में काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि विशिष्ट श्रम पहचान संख्या (एलआईएन) इकाइयों को दे दिया गया है। इसके तहत 22 मई, 2017 को 19,23,162 लाख एलआईएन आवंटित किये गये। कुल 2,95,423 निरीक्षण तय किये गये जिनमें से 22 मई, 2017 को 2,76,931 निरीक्षणों को अपलोड किया गया। 30 अप्रैल, 2017 से श्रम सुविधा पोर्टल पर ईपीएफओ और ईएसआईसी के तहत सामान्य पंजीकरणों की सुविधा दी गई है।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि विभिन्न श्रम कानूनों से संबंधित रजिस्टरों/ फॉर्मों को सरल बनाया गया है। नौ केन्द्रीय श्रम कानूनों और नियमों के तहत 56 रजिस्टरों/फॉर्मों के स्थान पर पांच सामान्य रजिस्टरों/फॉर्मों को रखा गया है। 28 मार्च, 2017 को एक अधिसूचना जारी की गई जिसके तहत फॉर्मों की संख्या को कम किया गया। इस संबंध में कुछ श्रम कानूनों को 36 से घटाकर 12 कर दिया गया है। केन्द्रीय और राज्य सरकारों के न्याय क्षेत्र के तहत प्रतिष्ठानों पर यह लागू होगा।
मंत्री महोदय ने बताया कि डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित दस्तावेजों को अपलोड करके कर्मचारी ईपीएफ कोड संख्या के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 6 दिसम्बर, 2016 को लगभग 1.52 लाख प्रतिष्ठानों ने ओएलआरई पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण करवा लिया है। यूनिवर्सल एकाउंट नंबर (यूएएन) को अनिवार्य बनाया गया और ऑनलाइन ऋण प्रणाली शुरू की गई। कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के तहत न्यूनतम पेंशन को संशोधित करके 1000 रुपये प्रतिमाह किया गया, जो अप्रैल, 2015 से प्रभावी बनाई गई। दावों के निपटारे की समय सीमा को 20 दिन से कम करके 10 दिन किया गया। आधार से जुड़ें खातों के लिए ईपीएफ योजना के अंतर्गत रकम निकालने के लिए केवल स्वप्रमाणन को ही जरूरी बनाया गया और अन्य किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं रही।
मंत्री महोदय ने बताया कि लक्षित औद्योगिक समूहों के बजाय अब ईएसआईसी के दायरे में सभी जिले आ गये हैं। इन समूहों वाले सभी 393 जिले इसके दायरे में हैं। 301 जिलों को पूरी तरह दायरे में ले लिया गया है। दूसरे चरण में देश के बचे हुए जिलों को दायरे में लाने का लक्ष्य है। प्रवासी मजदूरों के लाभ के लिए ‘‘वन आई पी – टू डिस्पेंसरीज’’ को शुरू किया गया है, जिसमें एक अपने लिये और दूसरा नियोक्ता के जरिये परिवार के लिए।
श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्रीय व्यवसाय सेवा (एनसीएस) पोर्टल पर 3.87 करोड़ से अधिक अभ्यर्थियों और 14.8 लाख प्रतिष्ठानों ने पंजीकरण करवाया है तथा इससे 6 लाख से अधिक रिक्तियों की संभावना पैदा हुई है। वर्ष 2016-17 में लगभग 540 रोजगार मेलों का आयोजन किया गया है। बेहतर रोजगार सेवाएं देने के लिए एनसीएस परियोजना ने 100 आदर्श व्यवसाय केन्द्रों की स्थापना में भूमिका निभाई है। ये केन्द्र राज्यों और संस्थानों के सहयोग से स्थापित किये जा रहे हैं। डाकघरों के जरिये रोजगार की तलाश में लगे व्यक्तियों के पंजीकरण के लिए एनसीएस ने डाक विभाग के साथ साझेदारी की है।
नये रोजगार के लिए नियोक्ताओं में जागरूकता पैदा करने को प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना की घोषणा की गई। सरकार इन नये रोजगारों के लिए तीन वर्षों की अवधि के संबंध में 8.33 प्रतिशत ईपीएस योगदान करेगी। कपड़ा (लिबास) क्षेत्र के लिए सरकार इन नये कर्मचारियों के लिए 3.67 प्रतिशत ईपीएफ का भुगतान करेगी। अब तक योजना के तहत 1,954 प्रतिष्ठानों को लाभों का अंतरण किया गया, जिनके दायरे में 75,848 लाभार्थी हैं।
बंधुआ मजदूर पुनर्वास योजना को संशोधित किया गया जो 17 मई, 2016 से प्रभावी हुई। इसके तहत वित्तीय सहायता को 20,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये प्रति वयस्क पुरुष लाभार्थी कर दिया गया। इसके साथ ही यतीमों या संगठित एवं जबरन भीक्षाटन गिरोहों से मुक्त किये गये बच्चों या जबरन बाल श्रमिक एवं महिलाओं सहित विशेष वर्ग के लाभार्थियों के लिए 2 लाख रुपये किया गया है। बंधुआ या जबरन श्रम कराने संबंधी मामलों के तहत इसे 3 लाख रुपये तक किया गया।
श्रम एवं रोजगार सचिव सुश्री एम. सत्यवती ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि सरकार बेहतर और उचित मजदूरी और रोजगार के संबंध में सकारात्मक माहौल बना रही है। इस संबंध में तमाम पहलें और कार्यक्रम शुरू किये गये हैं।
इस अवसर पर श्री दत्तात्रेय ने दिल्ली क्षेत्र में लाभार्थियों के लिए पीपी मॉडल पर ईएसआई पीजीआई एमएसआर एवं आदर्श अस्पताल तथा ईएसआईसी के फिजियोंथेरेपी एवं एक्स-रे इकाइयों के उत्कृष्टता केन्द्र (नेत्र रोग) का उद्घाटन किया। उन्होंने ईपीएफओ क्षेत्रीय कार्यालय, दिल्ली (पश्चिम) और क्षेत्रीय कार्यालय, दिल्ली (मध्य) का भी उद्घाटन किया है। मंत्री महोदय ने छह आदर्श नियोक्ताओं का सम्मान किया और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की तीन वर्षीय उपलब्धियों तथा पहलों की पुस्तिका का विमोचन भी किया।