श्र०जी० संवाददाता| उत्तर प्रदेश में शिरकत कर रहे तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि सभी मुस्लिम आतंकवादी नहीं होते| हमें आतंकवाद को धर्म से नही जोड़ना चाहिए और मिलजुल कर इस बुराई का सामना करना चाहिए| उत्तर प्रदेश में भोगांव के जसराजपुर में यूथ बुद्धिस्ट सोसाइटी के धम्मपद स्थापना समारोह में शिरकत कर रहे दलाईलामा ने भारत को बौद्धों का गुरु बताया| इस दौरान उन्होंने भोगांव के जसराजपुर क्षेत्र में दुनिया के सबसे ऊँचे 80 फिट के अशोक गज स्तंभ का लोकार्पण किया।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए जहर है| उन्होंने कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का हल नही होती है| सद्भाव और शांति से हम पूरे विश्व में शांति और खुशहाली ला सकते हैं| उन्होंने भारत दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के एक बयां पर असहमति जताते हुए हुए कहा कि भारत में तो हमेशा से धार्मिक और सांप्रदायिक सौहार्द्र रहा है| उन्होंने कहा कि मैं ओबामा के भारत दौरे का स्वागत करता हूँ लेकिन उनके इस बयां पर असहमति जताता हूँ कि जिसमे उन्होंने प्रगति के लिए भारत को धार्मिक कट्टरता छोड़ने की बात कही थी|
उन्होंने कहा कि मैं जहां भी जाता हूं, भारत की आध्यात्मिकता और सांप्रदायिक सौहार्द्र की भावना की प्रशंसा करता हूं। भारत सदियों से तमाम धर्म के लोगों को आसरा देता रहा है। मैं खुद इसका उदाहरण हूं। धर्मगुरु ने चीन के भारत की जमीन पर घुसपैठ के सवाल पर कहा कि चीन आर्थिक रूप से संपन्न देश है। उसके भारत के साथ पुराने सांस्कृतिक संबंध हैं। उसे भारत के साथ सहयोगी रुख अपनाना चाहिए। इस दौरान उन्होंने नालंदा शिक्षा संस्थान की तारीफ की। उन्होंने कहा कि नालंदा जैसे शिक्षा केंद्रों की भारत में जरूरत है|
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