नई दिल्ली: महिला और बाल विकास मंत्रालय ने सभी केन्द्रीय मंत्रालयों और विभागों की आंतरिक शिकायत समितियों (आईसीसी) के क्षमता निर्माण के लिए एक मानकीकृत और विस्तृत प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किया है। इन समितियों का गठन महिलाओं का कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत किया गया है। इस मॉड्यूल को भारत सरकार के कार्मिक प्रशिक्षण विभाग के भारतीय सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंधन संस्थान (आईएसटीएम) के परामर्श से विकसित किया गया है। भारत सरकार के उन 29 संस्थानों के साथ-साथ निजी क्षेत्र की पहचान की गई है जो उन्हें किसी भी संगठन के लिए कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न पर (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के बारे में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की क्षमता रखते हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने अक्टूबर, 2016 में केंद्र सरकार के मंत्रालयों / विभागों की आंतरिक शिकायत समितियों (आईसीसी) के प्रमुखों की बैठक बुलाई थी। बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई थी कि आईसीसी के प्रमुखों को यौन उत्पीड़न के मामले में कानूनी बारीकियों और प्रशासनिक मुद्दों की स्पष्ट जानकारी नहीं होती है। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि मंत्रालय द्वारा एक प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किया जाएगा और केंद्र सरकार के मंत्रालयों / विभागों के आईसीसी प्रमुखों को इन मुद्दों के बारे में प्रशिक्षण के लिए बुलाया जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया था कि अन्य संगठनों के लिए भी प्रशिक्षण देने के लिए एक नेटवर्क की स्थापना की जाएगी।
श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा है कि केन्द्र सरकार के मंत्रालयों / विभागों के आईसीसी के प्रमुखों के लिए पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम अप्रैल, 2017 के दूसरे पखवाड़े के दौरान आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिला और बाल विकास मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों के आईसीसी के प्रमुखों को जून, 2017 तक प्रशिक्षित कर दिया जाए।
प्रशिक्षण मॉड्यूल और संस्थानों के विवरण निम्नलिखित लिंक पर देखा जा सकता है:
प्रशिक्षण मॉड्यूल: http://wcd.nic.in/act/training-module-two-day-workshop-sexual-harassment-women-workplace-prevention-prohibition-and
संस्थानों का विवरण: http://wcd.nic.in/act/recommended-panel-institutes-or-organizations-under-sexual-harassment-women-workplace
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