देहरादून: उत्तराखण्ड डिजिटल इंडिया के नौ स्तम्भों को मजबूत करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। मार्च, 2018 तक राज्य का अपना डाटा सेंटर भी स्थापित हो जायेगा। 450 ट्रेटाबाइट के इस डाटा सेंटर के जरिये हाइपर कनवर्जेंट इंफ्रास्ट्रक्चर(एचसीआई) बनेगा। डिजिटल इंडिया के नौ स्तम्भों में ब्राडबैंड हाईवेज, यूनिवर्सल एक्सेस टू मोबाइल कनेक्टिविटी, पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम, ई-गवर्नेंस, ई-क्रांति, इंफार्मेंशन फाॅर आॅल, इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग, आईटी फाॅर जाब्स, अर्ली हरवेस्ट हैं। इसके लिए राज्य स्वान का अपग्रेडेशन, एयरोस्टेट बलून, ई-डिस्ट्रिक्ट, सीएम डैशबोर्ड, ब्लाॅक स्तर तक वीडियो कांफे्रंसिंग पर फोकस कर रहा है। इस संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने ग्राम पंचायतों तक फाइबर केबिल बिछाने पर बल दिया। कहा कि भारत नेट की इस परियोजना का लाभ उठाया जाए।
बैठक में बताया गया कि आईटीडीए(सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी) द्वारा स्टेट डाटा सेंटर को अंतिम रूप दिया जा रहा है। स्वान(क्षेत्रीय विस्तार नेटवर्क) को अपग्रेड किया जा रहा है। अभी तक तहसील/ब्लाॅक स्तर पर 133 पाॅप्स(प्वांइट आॅफ प्रिजेंस) के माध्यम से चलाया जा रहा है। नेशनल इंफार्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर का पायलट क्रियान्वयन देश के 7 जनपदो में, जिसमें उत्तराखण्ड में हरिद्वार में किया जा रहा है। हरिद्वार के 06 ब्लाॅक, 315 ग्राम पंचायतों में 660 हाॅरिजेंटल कार्यालयों को इससे जोड़ा गया है। इसके अलावा 131 ई-डिस्ट्रिक्ट केन्द्रों और ग्राम स्तर तक व्यक्तिगत काॅमन सर्विस केन्द्रों के माध्यम से जन सेवाएं दी जा रही है। इस समय 7950 काॅमन सर्विस केन्द्र संचालित हैं। इससे व्यक्तिगत उद्यमियों को रोजगार के अवसर मिल रहे है। इसके साथ ही सचिवालय ई-गेट पास, बैलून प्रोजेक्ट, माई गोव, उमंग, राजकीय कार्यालयों में ई-आॅफिस आदि पर भी कार्य चल रहा है।