पिछले सीज़न में आइज़ोल फुटबॉल क्लब को आईलीग चैंपियन बनाने वाले कोच खालिद जमील ने आई लीग के खिलाड़ियों के इंडियन सुपर लीग में चले जाने से काफी असंतुष्ट हैं। पैसे और सितारों की चकाचौंध ने इंडियन सुपर लीग को भारत का सबसे लोकप्रिय फुटबॉल लीग बना दिया है। इसलिए अपनी संभावनाओं की तलाश में आई लीग के कई स्टार खिलाड़ी इंडियन सुपर लीग के चौथे सीज़न में अलग -अलग टीमों से खेलते हुए दिख सकते हैं। गौरतलब है कि आइलीग इंडियन सुपर लीग की तुलना में खिलाड़ियों को कम पैसे देती है।
कुछ दिन पहले मोहन बगान और ईस्ट बंगाल फुटबॉल क्लब ने स्ट्राइकर बलवंत सिंह को क्लब में खेलने लिए ऑफर दिया था,लेकिन बलवंत ने आईएसएल की वजह से ऑफर ठुकरा दिया। वहीं सोमवार को होने वाले इंडियन सुपर लीग की बोली में बंगाल के विंगर खिलाड़ी बिकाश जैरु के साथ कई खिलाड़ियों ने अपना नाम दिया है।
ईस्ट बंगाल के कोच खालिद जमील ने “द टेलीग्राफ” से मुखातिब होते हुए कहा है कि,” ये आईलीग के लिए कतई अच्छा संकेत नहीं है। ईस्ट बंगाल और मोहन बगान भारत के सबसे पुराने और ऐतिहासिक फुटबॉल क्लब है। किसी तरह हमलोगों की कोशिश है कि स्टार प्लेयर आई लीग में खेले। वरना ईस्ट बंगाल या मोहन बगान का मैच देखने कोई नहीं आएगा। ये आई लीग के लिए सबसे मुश्किल वक़्त है।”
सोमवार से शुरू हो रहे ईस्ट बंगाल के पहले अभ्यास सत्र के बारे में जमील ने कहा,” ईस्ट बंगाल का हिस्सा बनकर मैं बहुत खुश भी हूँ और थोड़ा नर्वस भी। लोगों को हमसे काफी ज्यादा उम्मीदें हैं। जब मैंने ईस्ट बंगाल का ऑफर स्वीकार किया तो मुझे पता था कि मेरे ऊपर बहुत ज्यादा प्रेशर रहेगा लेकिन मैं इसे चैलेंज के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार हूँ।”
आपको बता दें, आई लीग के पिछले सीज़न में खालिद जमील आइजोल फुटबॉल टीम के कोच थे और उनके मार्गदर्शन में टीम ने पहली बार आईलीग का खिताब अपने नाम किया था। जमील मुंबई एफसी के साथ सात साल तक जुड़े रहे थे, इसके बाद वह आइजोल एफसी गए और क्लब को ऐतिहासिक जीत दिलाई। इस साल ईस्ट बंगाल क्लब ने 1.25 करोड़ खर्च कर जमील को अपने टीम में ट्रेवर मॉर्गन की जगह कोच नियुक्त किया है।