17.4 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

आई.सी.एम. राजपुर रोड़ सहकारिता की योजनाओं एवं दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना की समीक्षा करते हुएः दुग्ध विकास मंत्री डाॅ धन सिंह रावत

उत्तराखंड

देहरादून: प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री डाॅ0 धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आई.सी.एम. राजपुर रोड़ में सहकारिता विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।

बैठक में डाॅ0 धन सिंह रावत ने प्राथमिक कृषिऋण सहकारी समितियों के व्यवसायिक विकास हेतु एन.सी.डी.सी. द्वारा प्रस्तावित परियोजना के डीपीआर का अवलोकन के दौरान सम्बन्धित एजेंसी को एन.सी.डी.सी से मार्गदर्शन हेतु लगातार समन्वय बनाये रखने के निर्देश दिये। उन्होंने राज्य को-आपरेटिव बैंक के प्रदेश एवं जिलाध्यक्षों तथा को-आपरेटिव फैडरेशन के अध्यक्ष, पंचायत प्रतिनिधियों, सहकारिता विभाग के अधिकारियों, सामान्य प्रबन्धक एवं प्रबन्धक को-आपरेटिव तथा प्रबन्धक सहकारी बैंकों से भी क्षेत्र से प्राप्त फीडबैक को परियोजना में शामिल करने के निर्देश दिये। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना को पलायन रोकने का सशक्त माध्यम बताते हुए योजना में अधिकाधिक किसानों को ऋण देकर उनकी आय दोगुना करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री एवं मा0 मुख्यमंत्री की कल्पना किसानों की आय को दोगुना करना एवं पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकना है। जिसके मध्यनजर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा विगत 01 अक्टूबर, 2017 को पीठसैंण, जनपद पौड़ी गढ़वाल से दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना का शुभारम्भ किया गया। सहकारिता मंत्री ने कहा कि योजना में अब तक 1 लाख किसानों को चैक वितरित किये जा चुके हैं। उन्होंने एन.सी.डी.सी. के क्षेत्रीय निदेशक एवं सामान्य प्रबन्धक को-आपरेटिव बैंकर्स से योजना में तेजी से कार्य करते हुए मा0 प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की संकल्पना को साकार करने के निर्देश दिये।

उन्होंने ने आई.सी.डी.पी. परियोजना को रेखीय विभागों यथा डेरी, उद्यान, कृषि के विशेषज्ञ अधिकारियों की राय से ठोस रूप में तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विगत दिनों केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह जी द्वारा योजना के लिए हर सम्भव सहयोग का आश्वासन दिया गया है। डाॅ0 रावत ने कृषि, उद्यान, सहकारिता, पशुपालन तथा दुग्ध विकास की योजनाओं को समन्वित करते हुए समेकित विकास परियोजना तैयार करने के निर्देश दिये।

डाॅ0 रावत ने उत्तराखण्ड में दुग्ध विकास की पर्याप्त सम्भावना बताते हुए जानकारी दी कि 26 जनवरी से कामधेनु योजना का शुभारम्भ करने की जानकारी दी, योजना के शुभारम्भ में लाटरी सिस्टम से एक हजार पशुपालकों को लाभान्वित किया जायेगा। जिनसे सरकारी डेरी को दुग्ध उत्पादन का 90 प्रतिशत हिस्सा सरकारी डेरी को विक्रय करने की अनिवार्य शर्त शामिल है तथा योजना में लाभान्वित पशुपालकों को निःशुल्क वेटनरी सुविधा भी उपलब्ध कराई जायेगी।

उन्होंने आपदा से प्रभावित होने वाले काश्तकारों पर देय ऋणों की माफी पर भी विचार कराने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कतिपय ऐसे किसान जिनकी माली हालत ठीक नहीं है के ऋण की प्रतिपूर्ति अन्य माध्यमों से करने हेतु प्रस्ताव उनके सज्ञान में लायें जाय। उन्होंने किसानों के बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने हेतु को-आपरेटिव बैंक से वर्तमान मे दिये जाने वाले शिक्षा ऋण की सीमा बढ़ाने एवं व्याज दर कम करने की सम्भावना पर भी चर्चा की। वर्तमान में को-आपरेटिव बैंक द्वारा किसानों के बच्चों के शिक्षा हेतु 7 लाख तक ऋण दिया जाता है, जिसकी सीमा स्वदेश में 15 लाख तथा विदेश में शिक्षा मामले में 30 लाख तक करने पर विचार किया गया है जिसके लिए दो सदस्य की कमेठी गठित करने के निर्देश दिये।

देनदारी पर चर्चा के दौरान सहकारिता मंत्री ने बताया कि देनदारी के 24 करोड़ की धनराशि सरकार द्वारा अनुपूरक बजट में प्राप्त हो गयी है तथा 26 करोड़ की धनराशि वित्तीय वर्ष के अन्त मंे प्राप्त हो जायेगी। उन्होंने सभी बैंकर्स से विभिन्न योजनाओं में प्राप्त होने वाले धन को को-आपरेटिव बैंकों में जमा कराने के लिए सम्बन्धित विभागों से व्यक्तिगत सम्पर्क करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जहाॅ पर इस कार्य में उनकी सहयोग की आवश्यकता है सम्बन्धित बैंक अधिकारी उनसे सीधे सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने शासन स्तर पर स्वयं भी पहल का आश्वासन दिया।

उन्होंने प्राथमिक बहुउद्देशीय कृषि ऋण सहकारी समितियों की समीक्षा के दौरान कहा कि जो समितियाॅ  अनुपयोगी हैं, उन्हें निकट की सहकारी समिति में मर्ज कर दिया जाय। उन्होंने कर्नाटक की तर्ज पर समितियों को मार्केटिंग सोसाईटी के रूप में विकसित करने के निर्देश दिये। उन्होंने समितियों को रोजगार से जोड़ने के लिए शहद व्यवसाय तथा क्षेत्रीय उत्पादों पर आधारित व्यवसाय को बढ़ावा देने के निर्देश दिये। उन्होंने समितियों में पारदर्शिता लाने के लिए 31 मार्च, 2018 तक समस्त समितियों को कम्प्यूटराइज्ड करने तथा शतप्रतिशत किसानों को क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिये।

उन्होंने प्रत्येक जनपद में महिला सहकारी बैंक शाखाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए इनके स्थापना के लक्ष्य को इस वित्तीय वर्ष तक पूरा करने के निर्देश दिये।

बैठक में राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष दान सिंह, अध्यक्ष को-आपरेटिव फैडरेशन घनश्याम नौटियाल, सहकारिता के निबन्धक बी.एम.मिश्रा, क्षेत्रीय निदेशक एनसीडीसी राकेश दुआ प्रबन्ध निदेशक राज्य सहकारी बैंक दीपक कुमार अपर निबन्धक ईरा उप्रेती, संयुक्त सचिव प्रदीप जोशी, उप निबन्धक एम.पी.त्रिपाठी सहित सामान्य प्रबन्धक जिला सहकारी बैंक एवं सहायक निबन्धक उपस्थित थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More