आयकर विभाग ने करीब दो लाख खाताधारकों को नोटिस जारी किया है। इन लोगों ने नोटबंदी के बाद अपने खाते में 20 लाख रुपये से अधिक रकम कराने के बावजूद टैक्स रिटर्न नहीं भरा है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसे लोगों को नोटिस भेजा गया है जिन्होंने अपने खाते में बड़ी राशि जमा कराई है और टैक्स रिटर्न फाइल भी नहीं किया है।
1.10 करोड़ बैंक खाता में जमा हुए 2 लाख रुपये से अधिक
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक नोटबंदी के दौरान 1.10 करोड़ बैंक खाते में दो लाख रुपये से अधिक की राशि जमा की गई। पिछले साल आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद 18 लाख लोगों को नोटिस जारी कर अपने नकद लेनदेन पर स्पष्टीकरण देने को कहा था। विभाग के अनुसार ऐसे लोगों का नकद लेनदेन उनकी कमाई के अनुरूप नहीं था। इन लोगों को आयकर नोटिस से बचने के लिए 10 दिन में जवाब देने को कहा गया था।
टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले 29 फीसदी बढ़े
वित्त मंत्रालय के अनुसार नोटबंदी की वजह से टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में काफी तेज इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 2016-17 में टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या सालाना आधार पर 29 फीसदी बढ़ कर 8.55 करोड़ हो गई है। आर्थिक सर्वे के अनुसार 2015-16 में कुल करदाताओं की संख्या 5.93 करोड़ थी।
2.5 लाख से अधिक कमाई पर रिटर्न जरूरी
आयकर के मौजूदा नियमों के तहत सालाना 2.5 लाख रुपये से अधिक कमाई वालों के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करता है तो आयकर विभाग उस व्यक्ति को नोटिस जारी कर पूछ सकता है कि आपकी आय कितनी है और आप रिटर्न फाइल क्यों नहीं कर रहे हैं। अगर विभाग को पता चलता है कि किसी व्यक्ति की आय कर योग्य है और वह रिटर्न फाइल नहीं कर रहा है तो विभाग उससे टैक्स के साथ जुर्माना भी वसूल सकता है। इसके अलावा विभाग उस व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करा सकता है जिसके तहत उस व्यक्ति को अधिकतम दो साल की सजा भी हो सकती है। अगर किसी करदाता पर 25 लाख रुपये से अधिक की टैक्स चोरी का मामला साबित होता है तो उसे अधिकतम सात साल तक की सजा भी हो सकती है।
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