नई दिल्ली: उप राष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी ने आज कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सा अभी भी हमारी स्वास्थ्य प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वे आज राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ की रजत जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद यस्सो नायक, राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ के अध्यक्ष श्री देवेन्दर त्रिगुण और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि आयुर्वेद भारत की एक पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली है जो वैदिक काल से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे पुरानी पारंपरिक चिकित्सा के रूप में आयुर्वेद प्रणाली सबसे पुरानी है। उप राष्ट्रपति ने आगे कहा कि इस बात की जरूरत है कि इसे केवल रोगों के उपचार वाली प्रणाली के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि इसे एक रोग निवारण तथा संतुलित जीवन शैली जीने की एक प्रणाली के रूप में देखा जाना चाहिए।
उप राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि समुचित विकास, पारंपरिक विधियों और आधुनिक विज्ञान के उपलब्ध साधनों का प्रयोग करते हुए पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को और अधिक सुधारा जा सकता है, जिससे आयुर्वेद स्वास्थ्य प्रणाली में एक महत्वपूर्ण और सुलभ साधन बन सकता है। उन्होंने आगे कहा कि आयुर्वेद सहित वैकल्पिक चिकित्सा ने भारत में काफी ख्याति प्राप्त की है इसने न केवल भारत में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनाया जा रहा है। योग और आयुर्वेद सहित हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को विश्व भर में अपनाया जा रहा है। भारत इन प्रणालियों में सुधार करने के लिए और अधिक कोशिश कर सकता है।