देहरादून: आर.आई.डी.एफ (रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फण्ड) की चैथी उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक मुख्य सचिव एस.रामास्वामी की अध्यक्षता में गुरूवार को सचिवालय में हुई। बैठक में वर्ष 2016-17 के बजट आवंटन स्वीकृति की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि नाबार्ड द्वारा अब तक 747.08 करोड़ रूपये के व्यय की प्रतिपूर्ति कर दी गई है। शेष 152.92 करोड़ रूपये की प्रतिपूर्ति(डिसबर्समेंट) इस माह कर दी जायेगी।
वर्ष 2016-17 के लिए नाबार्ड द्वारा 900 करोड़ रूपये उत्तराखण्ड के लिए स्वीकृत किये गये थे। एचपीसी द्वारा 890 करोड रूपये की धनराशि आवंटित की गई। इसमें से 825 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई। 85 करोड़ रूपये की स्वीकृति गतिमान है। बताया गया कि लोनिवि को 350 करोड़ रूपये के आवंटन के सापेक्ष 325.80 करोड़ रूपये, सिंचाई को 180 करोड़ रूपये में 197.57 करोड रूपये, पेयजल को 250 करोड़ रूपये में 256.77 करोड़ रूपये, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा को 50 करोड़ रूपये में 44.99 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये है।
मुख्य सचिव श्री रामास्वामी ने निर्देश दिये कि स्वीकृत सीमा के अंदर जिन विभागों को बजट की आवश्यकता है, वे 15 मार्च तक प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए ग्रामीण अवस्थापना विकास संबंधी प्रस्ताव अभी से तैयार कर लें। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पेयजल की किल्लत है और बैराज बनाकर सिंचाई और पेयजल की व्यवस्था की जा सकती है। प्राथमिकता के आधार पर ऐसे क्षेत्रों को चिन्ह्ति कर प्रस्ताव बनायें।
बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा उमाकांत पंवार, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव सिंचाई आनंद बर्धन, सचिव वित्त अमित नेगी, सीजीएम नाबार्ड डी.एन.मगर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।