नई दिल्ली: मीडिया में कुछ ऐसी रिपोर्टें आई हैं कि आवासीय कल्याण समिति (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, आरडब्ल्यूए) द्वारा दी गई सेवाएं जीएसटी के अन्तर्गत महंगी हो जाएंगी। ये समाचार पूरी तरह आधारहीन है।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी के अन्तर्गत आरडब्ल्यूए द्वारा अपने सदस्यों को दी गई सेवाओं के बदले प्रतिपूर्ति या अंशदान (अधिकतम सीमा 5000 रुपये प्रति माह) जीएसटी के अन्तर्गत करमुक्त है।
इसके अतिरिक्त यदि किसी आरडब्ल्यूए का टर्नओवर किसी वित्तवर्ष में बीस लाख रुपये से ज्यादा है तो वस्तुओं या सेवाओं पर जीएसटी के अन्तर्गत कर छूट मिल सकती है यदि शुल्क की सीमा प्रति सदस्य 5000 रुपये से अधिक है।
आरडब्ल्यूए को जीएसटी के अन्तर्गत कर देना होगा यदि प्रति व्यक्ति मासिक शुल्क रुपये 5000 से अधिक है और आरडब्ल्यूए का वार्षिक टर्नओवर 20 लाख या इससे अधिक है। जीएसटी के अन्तर्गत आरडब्ल्यूए पर कर का बोझ कम होगा, क्योंकि कैपिटल गुड्स (जेनरेटर, वाटर पम्प, लॉन फर्नीचर आदि), वस्तु (नल, टोटी, पाइप, साफ-सफाई के अन्य उपकरण) तथा सेवाएं (मरम्मत, संचालन) पर उनके द्वारा दिए गए कर के संदर्भ में वो आईटीसी पाने के हकदार होंगे। कैपिटल गुड्स और वस्तुओं पर दिये जाने वाले कर पर जीएसटी लागू होने से पहले आईटीसी की सुविधा नहीं थी। इस प्रकार आरडब्ल्यूए का यह खर्च कम हो गया।
जीएसटी लागू होने के पश्चात आरडब्ल्यूए द्वारा अपने सदस्यों को दी जाने वाली सेवाओं के संदर्भ में कोई बदलाव नहीं किया गया है।