मुंबई: काफी माथा-पच्ची के बाद आख़िरकार टीम इंडिया के नवयुक्त हेड कोच रवि शास्त्री को मनमुताबिक़ कोचिंग स्टाफ मिल ही गया। बीसीसीआई और सीओए ने भरत अरुण के नाम पर बतौर गेंदबाज़ी कोच अपनी मुहर लगा दी। भरत अरुण के अलावा संजय बांगर को सहायक कोच और आर श्रीधर को फील्डिंग कोच नियुक्त किया है। इन सभी का 2019 विश्व कप तक के लिए टीम इंडिया के साथ करार हुआ है।
गौरतलब है कि रवि शास्त्री के कोच बनने के साथ क्रिकेट सलाहकर समिति ने गेंदबाजी कोच के रूप में जहीर खान का नाम आगे बढ़ाया था। लेकिन इसके बाद सलाहकार समिति और कोच के बीच विवादों का दौर चला। शास्त्री अपने पसंदीदा भरत अरुण को टीम के साथ जोड़ना चाहते थे लेकिन सौरव गांगुली ने जहीर खान का नाम आगे बढ़ा दिया। बढ़ते विवाद के बाद अंत में सौरव ने साफ किया कि जहीर राहुल द्रविड़ की तरह सिर्फ विदेशी दौरे में टीम के साथ रहेंगे।
ज़हीर खान और राहुल द्रविड़ के रोल को लेकर रवि शास्त्री का कहना है कि ”ये जहीर खान और राहुल द्रविड़ के ऊपर है कि वो कितने दिन भारतीय टीम को दे सकते हैं। दोनों की सेवाओं का हम स्वागत करेंगे। मैंने दोनों से बात की है और दोनों के अनुभवों से टीम को फायदा मिलेगा।” उम्मीद यही की जा रही है कि द्रविड़ और ज़हीर का इस्तेमाल विदेशी दौरों पर ज़रूरत पड़ने पर किया जाएगा।
गौरतलब है कि शास्त्री और अरुण का साथ काफी पुराना है। दोनों लगभग 1979 से एक दूसरे को जानते हैं। 1979 में रवि शास्त्री के नेतृत्व में अंडर 19 टीम श्रीलंका दौरे पर गई थी और अरुण उस टीम में गेंदबाज के रूप में थे। 1986 में अरुण ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का आगाज किया लेकिन सफल नहीं हो पाए। उन्होंने अपने करियर में सिर्फ दो टेस्ट और चार वनडे खेले। भारतीय टीम के डायरेक्टर बनने के बाद शास्त्री ने उन्हें टीम के साथ जोड़ा था। लेकिन अनिल कुंबले के कोच बनने के बाद अरुण को गेंदबाजी कोच से हटा दिया गया था।
26 जुलाई से शुरू हो रहे टीम इंडिया के श्रीलंका दौरे के लिए भरत अरुण टीम के साथ जुड़ जाएंगे। श्रीलंका दौरे पर टीम इंडिया को 3 टेस्ट, 5 वनडे और 1 टी-20 मैच खेलना है।