टेलीविजन की दुनिया में इन्हें क्रिएटिव गुरु कहा जाता है. फिक्शन से ज्यादा फैक्ट्स को पसंद करते हैं. न ये कोई कहानी कहते हैं, न सास-बहू दिखाते हैं, न इमोशन होता है, न ड्रामा फिर भी इनके शोज की टीआरपी आसमान छूती है. हां. क्विज शो से भी इंटरटेनमेंट हो सकता है! सिद्धार्थ बासु ने साबित कर दिया है.
‘कौन बनेगा करोड़पति’ जैसा ऐतिहासिक क्विज शो बनाने वाले बासु ही हैं. करियर की शुरुआत भी इन्होंने 1985 में एक क्विज शो से ही की थी. दूरदर्शन के लिए बनाए गए ‘क्विज टाइम’ नाम के इस शो को आज भी याद किया जाता है.
इसके बाद उन्होंने अलग-अलग चैनल्स के लिए कई क्विज शो तैयार किए. इनमें बीबीसी वर्ल्ड पर आने वाला यूनिवर्सिटी चैलेंज और स्टार वर्ल्ड का इंडियाज चाइल्ड जीनियस शामिल है. लेकिन सिद्धार्थ के अंदर का ये जीनियस कब और कैसे बाहर आया, इसकी कहानी भी मजेदार है-
दिल्ली का लड़का
1972 का वक्त था. सिद्धार्थ की पहचान सिर्फ दिल्ली में पढ़ने वाले एक लड़के की ही थी. वो लड़का जो सेंट स्टीफंस कॉलेज से अंग्रेजी में ग्रेजुएशन कर रहा था. जिसने ग्रेजुएशन के दूसरे ही साल थिएटर एक्शन ग्रुप नाम से एक थियेटर ग्रुप की नींव रख दी. वो लड़का जो रंगमंच पर एक्टिंग के जलवे ऐसे बिखेरता था कि लोगों को उसमें भविष्य का शाहरुख खान नजर आता था. उस लड़के ने ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद हिंदू कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए दाखिला लिया.
डॉक्यूमेंट्री से टीआरपी शोज तक
इसके बाद 1977 में एक डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर के तौर पर सिद्धार्थ ने करियर शुरू किया. इससे पहले ऑल इंडिया रेडियो में बतौर अनाउंसर काम किया. दूरदर्शन के लिए जहां शोज प्रोड्यूस किए वहीं ‘पुरवाई’ नाम के एक शो में काम भी किया. कोलकाता के एक बंगाली परिवार में जन्मे बासु ने लंबा वक्त दिल्ली में गुजारा. फिर मुंबई पहुंचे. 1988 में उन्होंने जर्नलिस्ट पत्नी अनीता कौल के साथ मिलकर बिग सिनर्जी के नाम से प्रोडक्शन हाउस शुरू किया.
सिद्धार्थ बासु और पत्नी अनीता कौल
सवाल-जवाब ही जिंदगी
अगर सिद्धार्थ बासु के पास्ट को खंगाला जाए, तो ये समझ नहीं आता कि उन्होंने क्या नहीं किया है? वो थियेटर में रहे. रेडियो जॉकी भी बने. डिबेट्स में शामिल हुए. उन्होंने एक्टिंग की. डायरेक्शन भी और प्रोडक्शन भी. इस सारे एक्पीरियंस को मिलाकर वो जो आज हैं, उसे मानने से कोई इनकार नहीं कर सकता. ये सारा एक्सपीरियंस मिलाकर ही उन्होंने वो शोज बनाए, जिन्होंने उम्मीदों से इतर लोगों का दिल जीता.
इस सबके अलावा वो एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका जनरल नॉलेज बुक ‘नो फॉर श्योर’ के लेखक भी हैं. ये किताब स्कूल के छात्रों के बीच काफी पॉपुलर है. सवालों की दुनिया में बासु ने कुछ ऐसे सवाल-जवाब भी तैयार किए हैं, जिनका जवाब गूगल भी ठीक से नहीं दे पाता है. केबीसी के दौरान पूछे जाने वाले सभी सवाल सिद्धार्थ खुद टीम के साथ तैयार करते हैं. कई सवाल ऐसे हैं, जिन्हें बहुत रिसर्च के बाद बनाया गया है. खुद सिद्धार्थ ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके बनाए कई सवाल ऐसे हैं, जिनके जवाब गूगल भी नहीं दे पाता है.
सिद्धार्थ बासु
केबीसी के लिए सिद्धार्थ अमिताभ बच्चन के साथ इंग्लैंड गए और वहां ऑरिजनल ‘शो हू वांट्स टू बी ए मिलिनेयर’ की मेकिंग को अच्छी तरह समझा. लेकिन जब उन्होंने केबीसी बनाया, तो उसकी हर एक बात अपने आप में निराली थी. उन्होंने ‘कंप्यूटर जी’ और ‘लॉक किया जाए’, जैसी टर्म्स निकालीं, जो लोगों की जुबां पर किसी पुरानी कहावत की तरह चढ़ गईं.
बीते दिनों इस शो का नौंवा सीजन आया था. बेशक ये सीजन सिर्फ तीन महीने के लिए आया, लेकिन इन तीन महीनों तक बार्क की टीआरपी रेटिंग में केबीसी टॉप-5 में बना रहा. इसकी वजह से काफी समय से नंबर-1 और 2 पर चल रहे शो पीछे छूट गए.
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