नई दिल्ली: भारत और रूस के बीच सेना के तीनों अंगों का अभ्यास इन्द्र-2017 आज अंतिम चरण में प्रवेश कर गया। इसमें बख्तरबंद, मेकेनाइज्ड इंफैंट्री तथा सैन्य टुकड़ी के कार्यबल ने लड़ाकू विमानों और हथियारों से लैस हेलिकाप्टरों के समर्थन से मानवीय सहायता काफिले को आतंकवादी हमले से बचा लिया। अभ्यास की सेटिंग के अनुसार मानवीय सहायता काफिले पर आतंकवादी हमले की योजना तैयार की गई थी। इस मानवीय सहायता का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के प्रावधान के अंतर्गत आतंकवाद विरोधी वातावरण में नागरिकों को सहायता प्रदान करना था। इस हमले से भारत और रूस की रक्षा सेनाओं की संयुक्त कार्यबल की जवाबी कार्रवाही प्रणाली की परीक्षा हुई। आतंकवादियों के अलग-थलग कर दिया गया और मानवीय सहायता काफिले को सुरक्षित लाया गया। साथ-साथ अग्नि शक्ति का प्रदर्शन करते हुए लड़ाकू विमान और लैस हेलिकाप्टरों ने लक्ष्य को आसान बनाने का काम किया। 122 एमएम ग्रैड की तोपची टुकड़ी और ओविटजर ने लक्ष्य को सहज बना दिया। मेकेनाइज्ड इंफैंट्री के साथ बख्तरबंद टैंकों ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया और अंतिम आक्रमण करने के लिए इंफैंट्री का मंच तैयार हो गया।
बाद में मीडिया से बातचीत में भारतीय दस्ते के टास्क फोर्स कमांडर मेजर जनरल एन डी प्रसाद ने पूरे अभ्यास के दौरान दिखे, पेशेवर समन्वय पर प्रसन्नता व्यक्त की। यह समन्वय न केवल भारतीय सशस्त्र सेना के तीनों अंगों में दिखा बल्कि भाषाई कठिनाइयों के बावजूद भारतीय और रूसी रक्षाबलों के बीच भी। कंपोनेंट लीडर रिअर एडमिरल विश्व दासगुप्ता तथा एयर कोमोडोर आरजी के कपूर ने कहा कि दोनों देशों की सेना के तीनों अंगों के बीच समन्वय से तीनों अंगों के सहयोग के महत्व को बल मिला है। इन्द्र -2017 के अभ्यास की अंतिम ड्रील 28 अक्टूबर, 2017 को होगी।