लखनऊ: बीते 21 एवं 22 फरवरी को राजधानी लखनऊ में आयोजित हुए इन्वेस्टर्स समिट में नई खादी नीति और प्रदेश में निर्मित खादी उत्पादों की विशिष्टता निवेशकों को खूब पंसद आयी है। खादी क्षेत्र में उद्योगपतियों एवं निवेशकांे ने भारी संख्या में निवेश की इच्छा जताई है। इस दौरान करीब 30 हजार करोड़ रुपये के एम0ओ0यू0 भी हस्ताक्षरित किये गये। मलेशिया के उद्यमी भी खादी क्षेत्र में निवेश करने के इच्छुक हैं।
यह जानकारी प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योग के विकास के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी खादी को बुलंदिया तक पहुंचाने और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को समृद्ध बनाने के लिए प्रयासरत है। इसके सकारात्मक परिणाम इन्वेस्टर्स समिट में देखने को मिले हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने खादी के प्रमोशन और इस क्षेत्र में निवेश के लिए नई नीति प्रख्यापित की है, इसका असर साफ तौर से परिलक्षित हो रहा है। खादी क्षेत्र में उद्यमियों और निवेशक में उद्यम स्थापना के लिए खासा उत्साह है। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट के दौरान खादी क्षेत्र में निवेश के लिए जितने एम0ओ0यू0 हस्ताक्षितर हुए है, उनकी मानीटरिंग वह स्वयं करेंगे।
खादी मंत्री ने बताया कि खादी उत्पादों की देश-विदेश में आनलाइन बिक्री के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड एवं अमेजन के बीच एम0ओ0यू0 हो चुका है। अब खादी के उत्पाद लोगों को घर बैठे उपलब्ध हो सकेंगे । उन्होंने बताया कि अमौसी हवाई अड्डे पर खादी का एक शोरूम खोला गया। लखनऊ में जल्द ही खादी प्लाजा का शुभारम्भ किया जायेगा । साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में खादी प्लाजा खोले जाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
श्री पचैरी ने बताया कि खादी वस्त्रो के बुनकरों की बेटियों की शादी के लिए 20 हजार की मदद दी जाएगी । उत्तर प्रदेश देश मे पहला राज्य है, जिसने सोलर चरखे से बने वस्त्रो को खादी की मान्यता दी गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों के लिए खादी से बनी वर्दी पहनने का प्रस्ताव भी शासन भेजा जा चुका है, जल्द ही इस पर निर्णय हो जायेगा और प्रदेश की पुलिस खादी की वर्दी में नजर आयेगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में निर्मित खादी वस्त्रों के छूट मंे भी बढ़ोत्तरी की गयी है, अब खादी पर 15 प्रतिशत की छूट पूरे साल दी जायेगी। पहले यह छूट 10 प्रतिशत थी और साल में सिर्फ 180 दिन ही दी जाती थी । उन्होंने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं जब खादी को खादी फॉर फैशन, खादी फॉर नेशन के नाम से जाना जाने लगेगा है ।