उत्तर प्रदेश के लिए यह इन्वेस्टर्स समिट किसी पर्व से कम नहीं है। सरकार इसकी तैयारी जोरोें-शोरों से कर रही है। इसकी तैयारी लगभग पूरी की जा चुकी है। 21 और 22 फरवरी को आयोजित इस इन्वेस्टर्स समिट को लेकर उद्यमियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने दावा किया है कि अबतक 900 से अधिक एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुका है। अभी कितने रूपये के निवेश का एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ है, इसकी जानकारी महाना द्वारा नहीं दी गई। हालांकि कहा जा रहा है कि इससे लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रदेश में आने की संभावना है।
प्रदेश में निवेश के उद्देश्य से देश-विदेश के विभिन्न निवेशकों को आमंत्रित किया गया है। जिसमें प्रदेश की झलकियां दिखाकर प्रदेश को प्रस्तुत किया जाएगा और बताया जाएगा कि वर्तमान में प्रदेश किस स्तर पर पहुंच गया है। सोमवार को प्रदेश सरकार के औद्यगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में पत्रकार वार्ता की। जिसमें पत्रकारों से इन्वेस्टर्स समिट की रूपरेखा साझा किया। सतीश महाना ने कहा कि प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी इंवेस्टर्स समिट लखनऊ में होने जा रही है।
प्रधानमंत्री होंगे बड़े उद्यमियों से रूबरू
इसके लिए छह अलग-अलग स्थानों पर प्रदेश सरकार की ओर से रोड शो किए गए हैं। अलग-अलग उद्यमियों के साथ वार्ता की गई है। प्रधानमंत्री बड़े उद्यमियों से खुद रूबरू होंगे। जबकि देश-विदेश के कुल 200 सीईओ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे बात करेंगे।
परदेशी उद्यमियों से घर वापसी का आह्वाहन
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय ने बताया कि प्रदेश के उद्यमियों के लिए घर वापसी का एक विशेष सेशन आयोजित किया गया है। इस सेशन में यूपी छोड़कर दूसरे प्रदेश में जाकर बिजनेस कर रहे उद्यमियों को घर वापसी के लिए आह्वाहन किया जाएगा। उन्हें प्रदेश के बदले माहौल के बारे में बताया जाएगा और वापस उत्तर प्रदेश में आकर उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए विशेष सब्सिडी और छूट भी दी जाएगी। इस सेशन को ‘इंगेजिंग डायसपोरा फार ए प्रोग्रेसिव यूपी’ का नाम दिया गया है। अनूप चन्द्र पांडेय ने बताया कि एक किताब लांच की जा रही है जिसे लैण्ड बैक कहा जा रहा है। इस किताब में अलग-अलग इंडस्ट्रियल एरिया के लिए सरकार के पास उपलब्ध भूमि का विवरण होगा।