नई दिल्ली: डार्क चॉकलेट खाने वालों के लिए यह एक अच्छी खबर है। हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आयी है कि डार्क चॉकलेट, स्ट्रेस यानी तनाव को कम करती है जबकि मूड, याददाश्त और इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को दुरुस्त करने में मदद कर सकती है।
वैज्ञानिकों ने बताया कि कोको, फ्लेव्नॉयड का मुख्य स्रोत है लेकिन यह पहली बार है जब यह जानने का प्रयास किया गया है कि यह मनुष्य के दिमाग, हृदय और रक्तवाहिनी संबंधी तंत्रिका तंत्र को कैसे प्रभावित करता है और कैसे इनके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है। फ्लेव्नॉयड एक प्राकृतिक पोषक तत्व है जो फलों, सब्जियों और अनाज में पाया जाता है।
अमेरिका की लोमा लिंडा यूनवर्सिटी के ली एस बर्क ने कहा , सालों तक हमने यह अध्ययन किया कि डार्क चॉकलेट की शुगर की मात्रा का तंत्रिका संबंधी कार्यों पर क्या असर पड़ता है। अधिक चीनी खाने से हम ज्यादा खुश होते हैं। यह पहली बार था , जब हमने मनुष्यों में एक नियमित आकार के चॉकलेट बार के रूप में कोको की अधिक मात्रा के प्रभाव का आकलन लंबे समय और कम समय के लिए किया और हम इसके नतीजों से बहुत उत्साहित हुए।
बर्क ने दो नए शोध अध्ययनों में प्रमुख जांचकर्ता के रूप में कार्य किया जिसमें पाया गया कि कोको की अधिकता से स्मरण शक्ति, मनोदशा और शरीर की रोग प्रतिरक्षा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। कोको में पाए जाने वाले फ्लेव्नॉयड्स बेहद शक्तिशाली प्रतिरोधक और सूजन रोधी होते हैं जो दिमाग, हृदय और अन्य अंगों के लिए लाभकारी होते हैं।
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