नई दिल्ली: राष्ट्रीय इस्पात उपभोक्ता परिषद की दूसरी बैठक केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में भुवनेश्वर में 16 जून 2017 को होगी। इसकी थीम ‘इस्पात उद्योग की वर्तमान स्थिति और आगे की राह’ है। इस्पात उपभोक्ता परिषद सरकार को लोहे और इस्पात की आपूर्ति, उपलब्धता, गुणवत्ता और बाजार के रुझानों से संबंधित मसलों पर सलाह देती है।
विश्व में भारत इस्पात का तीसरा बड़ा उत्पादक है, जबकि भारत की घरेलू स्टील खपत सिर्फ 60 किलो प्रति व्यक्ति है जो कि विश्व औसत 208 किलो के मुकाबले काफी कम है। स्टील मंत्रालय घरेलू स्टील खपत को बढ़ाने के लिए स्टील के तरह-तरह के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रेरित करता रहता है। हाल ही में, केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने एक नीति को मंजूरी दी जिसमें सरकारी खरीद में लोहे के घरेलू उत्पादकों और स्टील उत्पादों को प्राथमिकता दी गई है। इस बैठक में स्टील से जुड़े सभी मुद्दों पर बातचीत हो सकेगी।
स्टील उद्योग के विकास में उड़ीसा के सार्वजनिक क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उड़ीसा जैसे राज्य, देश में स्टील की ग्रामीण खपत के बड़े संभावित केन्द्र हो सकते हैं। भारत में स्टील बनाने के लिए उड़ीसा एक अनुकूल जगह हो सकती है। राज्य की प्रतिभावान आबादी और उसके भौगोलिक लाभ भी हो सकते हैं। सम्मेलन के लिए उड़ीसा के भुवनेश्वर का चयन देश में स्टील उत्पादन में इस राज्य के अहम योगदान को ध्यान में रखते हुए आदर्श चयन है।
यह बैठक घरेलू स्टील खपत, घरेलू स्टील उद्योग परिदृश्य, वैश्विक स्टील रुझान और निर्माण कार्यों में स्टील के इस्तेमाल के लाभ की चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करेगी। इस बैठक में विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि, कई उद्योग संघ, लोहे और स्टील उद्योग के उत्पादक और उपभोक्ता, भवन निर्माता और उससे जुड़े उद्योग, उद्योग विशेषज्ञ और अग्रणी घरेलू स्टील निर्माता शामिल होंगे।