नई दिल्ली: ‘भारत में इस्पात की खपत बढ़ाना’ विषय पर आयोजित पूर्वी राज्यों के प्रथम क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन आज केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह द्वारा सिक्किम के गंगटोक में किया गया। 208 किलोग्राम के वैश्विक औसत की तुलना में भारत में केवल 61 किलोग्राम की निम्न प्रति व्यक्ति इस्पात खपत को ध्यान में रखते हुए घरेलू स्तर पर इस्पात की खपत बढ़ाने की काफी गुंजाइश है। इस सम्मेलन में इस्पात के उपयोग को बढ़ावा देने के समस्त अवसरों की तलाश की जायेगी। इस अवसर पर इस्पात मंत्री ने इस्पात के अनगिनत फायदों और निर्माण के दौरान दीर्घकालिक टिकाऊपन, सुरक्षा एवं लागत में कमी सुनिश्चित करने के लिए इस्पात के प्रचुर उपयोग वाली संरचनाओं पर विशेष जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इस्पात उद्योग को ऐसे अभिनव तरीके ढूंढ़ने चाहिए जिससे कि आम आदमी इस्पात के अनगिनत फायदों से अवगत हो सके।
मंत्री महोदय ने कहा कि एक मजबूत इस्पात उद्योग राष्ट्र के त्वरित औद्योगिक विकास की नींव होता है और भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा वर्ष 2030-31 तक 300 एमटी कच्चे इस्पात की अधिष्ठापित क्षमता हासिल कर लेने की आशा है।
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