नई दिल्ली: पिछले सप्ताह की निविदा की रिवर्स नीलामी के आधार पर एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) 50 लाख स्मार्ट मीटरों के क्रय लागत में और कमी लाने में सफल हुआ है। इस रिवर्स नीलामी में आईटीआई लिमिटेड सबसे कम बोली लगाने वाले के रूप में उभरा है। जीनस पॉवर और क्योनिक्स क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे है। आईटीआई लिमिटेड ने स्मार्ट मीटर के लिए सबसे कम कीमत 2503 रूपये प्रति इकाई की बोली लगाई है।
पिछले सप्ताह हुए नीलामी में एल एंड टी सबसे कम बोली लगाने वाले के रूप में उभरा था जिसमें कंपनी ने प्रति इकाई 2722 रूपये का मूल्य प्रस्तावित किया था। रिवर्स नीलामी के तहत स्मार्ट मीटर का मूल्य 2722 रूपये से कम होकर 2503 रुपये हो गया है। इस प्रकार मूल्य में 8 प्रतिशत की कमी आई है। मूल्य में कमी का लाभ उपभोक्ताओं का प्राप्त होगा। नीलामी की नियमों के आधार पर एल एंड टी समेत सात कंपनियों को रिवर्स नीलामी के लिए आमंत्रित किया गया था जिसमें आईटीआई लिमिटेड, जीनस पॉवर और क्योनिक्स ने एल एंड टी को पछाड़ दिया।
सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, ईईएसएल दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे जीनस पॉवर और क्योनिक्स को आईटीआई के द्वारा प्रस्तावित मूल्य की बराबरी करने के लिए आमंत्रित करेगा। यदि दोनों कंपनियां आईटीआई के प्रस्तावित मूल्य को स्वीकार करती हैं तो पूरी निविदा को 50:30:20 के अनुपात में विभाजित कर दिया जाएगा।
इन स्मार्ट मीटरों को उत्तर प्रदेश और हरियाणा में चरणबद्ध तरीके से तीन वर्षों के अवधि में लगाया जाएगा।
ईईएसएल भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के अधीन है। विभाग 50 लाख स्मार्ट मीटरों की खरीद करेगा, जो एक बार में दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्ट मीटर खरीद है। 40 लाख स्मार्ट मीटर उत्तर प्रदेश में जबकि शेष 10 लाख स्मार्ट मीटर हरियाणा में लगाए जाएंगे।
स्मार्ट मीटर उन्नत मीटरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर सॉल्यूशंस (एएमआई) का एक हिस्सा हैं, जो पीक घंटों के दौरान ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए बेहतर मांग प्रतिक्रिया पर आधारित है। एएमआई सॉल्यूशंस का दायित्व एक सिस्टम इंटीग्रेटर पर होगा, जिसपर मीटरों की स्थापना, क्लाउड में आंकड़ों का संग्रह, डैशबोर्ड तैयार करने आदि की जिम्मेदारी होगी। 31 अक्टूबर, 2017 को सिस्टम इंटीग्रेटर के लिए बोली खोले जाने की संभावना है।
मीटरों की खरीद और सिस्टम इंटीग्रेटर की सेवा के लिए ईईएसएल कुल लागत का शत प्रतिशत वहन कर रहा है। ईईएसएल को पुनर्भुगतान बिल बनाने की कुशलता, मीटर रीडिंग की लागत में कमी आदि के माध्यम से होगी। ऐसा कहा जाता है कि मीटर रीडिंग में प्रति मीटर 40 रूपये का खर्च आता है। इस खर्च में बचत होगी।