तेहरान: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले कुछ दिनों में ईरान के साथ हुई परमाणु डील पर एक बड़ा फैसला लेने वाले हैं। ट्रंप का फैसला इस डील का भविष्य तय करेगा और वह भी ऐसे समय में जब वह पहले ही इस डील को खत्म करने का मन बना चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ ईरान ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी तरह से साल 2015 में हुई इस डील के साथ समझौता नहीं करेगा। ईरान के विदेश मंत्री के नए बयान से तो यही साफ होता है।
पांच मिनट के वीडियो में धमकी
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जारीफ ने इंग्लिश में यू-ट्यूब पर एक वीडियो पोस्ट किया है। पांच मिनट के इस वीडियो में उन्होंने कहा है, ‘कुछ वर्षों पहले जिस बात पर सहमति बनी थ, ईरान उस पर फिर से कोई समझौता नहीं करेगा।’ जारीफ का बयान इस लिए भी अहम है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इस डील का स्वरूप वैसा ही रखना चाहते हैं और हो सकता है कि वह सिर्फ कुछ अहम बिंदुओं में बदलाव करें। जारीफ ने जिक्र किया है कि यूरोप के कुछ देशों ने ट्रंप को कुछ ऑफर्स दिए हैं। गुरुवार को ईरान के सुप्रीम लीडर अयउतल्ला अली खामनेई ने भी यूरोप और अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह डील में कुछ भी बदलाव न करें। ईरान के एक और नेता अली अकबर विलायती ने नेशनल चैन पर कहा, ‘अगर अमेरिका और इसके साथी देश खासतौर पर यूरोपियन देशों ने अगर डील को बदलने की कोशिश की तो हमारे पास इससे बाहर आने का विकल्प खुला रहेगा।’
12 मई को होगा कोई बड़ा फैसला
डोनाल्ड ट्रंप 12 मई को ट्रंप इससे जुड़ा कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि वह किस तरह से यह कदम उठाएंगे। व्हाइट हाउस के दो अधिकारियों और ट्रंप प्रशासन से जुड़े एक सूत्र की ओर से इससे जुड़ी जानकारी दी गई है। ईरान पहले भी अमेरिका को ऐसा न करने की चेतावनी दे चुका है। ट्रंप प्रशासन से जुड़े सूत्र की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक ऐसा हो सकता है कि ट्रंप, उस अंतरराष्ट्रीय करार में अमेरिका को बरकरार रखें जिसके तहत ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को हल्का करने की सहमति जताई है और इसके बदले उसे कुछ प्रतिबंधों से राहत चाहिए। ट्रंप ऐसा इसलिए करेंगे क्योंकि फ्रांस के साथ उन्हें संबंध अच्छे रखने हैं और साथ ही फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुलए मैंक्रों के सामने भी खुद की इमेज को कायम रखना है। एक डिप्लोमैट की मानें तो ईरान, सीरिया, ईराक, यमन और लेबनान में अमेरिका के मित्र देशों को सजा देने के मकसद से अपने परमाणु हथियारों का प्रयोग शुरू कर दे। 12 मई को ट्रंप इस बात का फैसला लेंगे कि ईरान को दी गई ढील को कुछ प्रतिबंधों को समाप्त करके इसे नया रूप देना है या नहीं।
oneindia