नई दिल्ली: चुनाव आयोग को मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है कि ईवीएम की तरह दिखने वाले एक गैजेट के साथ तथाकथित रूप से छेड़छाड़ करने की एक घटना प्रदर्शित की गई। इस संदर्भ में, यह समझे जाने की जरूरत है कि किसी भी व्यक्ति के लिए ईवीएम की तरह दिखने वाले किसी भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के साथ छेड़छाड़ करना या कोई मैजिक प्रदर्शित करना संभव है। बिल्कुल सरल शब्दों में कहे तो ‘मशीन की तरह दिखने वाला’ कोई भी गैजेट केवल एक गैजेट मात्र है जिसकी डिजाइन इस प्रकार से तैयार की जाती है कि उसके साथ छेड़छाड़ किया जा सके और इसका चुनाव आयोग के ईवीएम के साथ कोई संबंध, महत्व या प्रभाव नहीं है। इस चीज को आसानी के साथ ऐसे समझा जा सकता है कि ईसीआई ईवीएम के अतिरिक्त किसी भी अन्य गैजेट की प्रोग्रामिंग इस प्रकार की जाती है कि उसके साथ पूर्व निर्धारित तरीके से कोई छेड़छाड़ की जा सके लेकिन इसका यह अभिप्राय कतई नहीं है कि ईसीआई ईवीएम भी उसी प्रकार कार्य करेगा। इसकी वजह यह है कि ईसीआई ईवीएम तकनीकी रूप से सुरक्षित होता है और एक व्यापक प्रशासनिक एवं सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत कार्य करता है।
भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने ईवीएम मुद्दों एवं अन्य चुनावी सुधारों पर 12 मई, 2017 को अखिल भारतीय राजनीतिक दलों की एक बैठक आयोजित की है। ईसीआई ईवीएम पर संद्या स्थिति अध्ययन पत्र ( स्टेटस पेपर) ईसीआई की वेबसाइट http://eci.nic.in/eci_main1/current/StatusPaperonEVM_09052017.pdf पर उपलब्ध है जो ईसीआई ईवीएम को छेड़छाड़ मुक्त बनाने के लिए ईसीआई द्वारा उठाये गये सुरक्षा संबंधी कदमों के विवरण प्रदान करता है।