देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में विशेषज्ञ चिकित्सा उपचार को टेली मेडिसन के द्वारा पहुचांने हेतु ई-हैल्थ सेंटर की शुरूआत के लिये राज्य सरकार द्वारा देश की प्रमुख आई0टी0 कम्पनी एच0पी0 (हेवलेट पेकार्ड इन्टरप्राईस इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड) के साथ एमओयू किया गया। अनुबंध के अनुसार एच0पी0 कम्पनी उत्तराखण्ड के 4 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर टेली मेडिसिन सेवाएं प्रदान करेगी। कम्पनी द्वारा इन 4 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर लगभग 65 प्रकार के मेडिकल टेस्ट करवाने व तुरन्त रिजल्ट अपलोड करने के साथ ही प्रमुख व आवश्यक पैथोलाॅजी उपकरण तथा आई0टी0 उपकरण प्रदान किये जायेंगे। साथ ही एक-एक स्टूडियो भी स्थापित किया जायेगा। स्टूडियो में कम्पनी की ओर से स्पेशलिस्ट डाॅक्टर मौजूद रहेंगे। इन 04 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आने वाले मरीजों को टेली मेडिसन के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सा सेवायें प्रदान की जायेगी। कम्पनी चयनित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात चिकित्सकों एव पैरामेडिकल स्टाफ को टैªनिंग देगी ताकि इलैक्ट्रोनिक मेडिकल रिकार्डस का रख-रखाव एवं एवं सम्बधित उपकरणों के संचालन सुनिश्चित किया जा सके। टेली मेडिसिन सेवाओं से सम्बन्धित समस्त रिकार्ड कम्पनी द्वारा सम्बन्धित चिकित्सालय के प्रभारी अधिकारी को हस्तान्तरित किये जायेंगे। राज्य सरकार द्वारा टेली मेडिसिन से सम्बन्धित चिकित्सालयों पर पेरा मेडिकल स्टाफ एवं नर्स आदि एवं टेली मेडिसिन स्टूडियो में चिकित्सक उपलब्ध करवाया जायेगा। साथ ही राज्य सरकार द्वारा टेली मेडिसिन से सम्बन्धित चिकित्सालयों पर ब्राॅड बैंड सेवा की निरन्तरता को सुनिश्चित किया जायेगा। प्रायौगिक तौर पर एच0पी0 कम्पनी (हेवलेट पेकार्ड इटरप्राईस इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड) उक्त 4 सामुदायिक केन्द्रों पर यह सेवायें प्रदान करेगी एवं इसके सफल परिणामों के आधार पर इसे विस्तारित किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि कम्पनी द्वारा कार्पोरेट सोशियल रिसपोंसिबिलिटी के अन्र्तगत उत्तराखण्ड में टेली मेडिसन के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सा उपचार सेवाओं के संचालन हेतु यह पहल की गयी है। कम्पनी द्वारा इसके लिए वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली श्रीनगर मेडिकल कालेज में भी स्टूडियो स्थापित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में टेली मेडिसिन वरदान सिद्ध हो सकती है। राज्य सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में टेली मेडिसिन सेवाओं का महत्व समझती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हाल ही में पौड़ी तथा राज्य के 12 अस्पतालों में पीपीपी मोड पर टेली रेडियोलाॅजी सुविधा का शुभारंभ किया गया। राज्य के 23 अन्य अस्पतालों में भी टेली रेडियोलाॅजी सेवा शीघ््रा ही प्रारम्भ कर दी जायेगीं। इस प्रकार टेली रेडियोलाॅजी सुविधा अपनाने वाला उत्तराखण्ड पांचवा राज्य बन गया है। साथ आज के एमओयू द्वारा टेली मेडिसिन अपनाने वाला उत्तराखण्ड देश का 17वां राज्य बन चुका है। राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर विशेष फोकस कर रही है। अब राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में भी लोगो को हर बीमारी का उपचार तय समय पर मिल सकेगा। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा तकनीकी के प्रयोग के साथ ही राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की कमी पूरी करने हेतु ठोस कदम उठाये जा रहे है। पूरे देश से डाक्टरों को राज्य में सेवाएं देने हेतु आमंत्रित किया जा रहा है। भारतीय सेना समेत अन्य राज्यों से दो हजार से अधिक चिकित्सकों के आवेदन प्राप्त हुए है। स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के प्रति राज्य सरकार विशेषरूप से संवेदनशील है। सरकार द्वारा दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में डाॅक्टर्स का स्थान्तरण किया गया है, जिसमें से 90 प्रतिशत चिकित्सकों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारा प्रयास है कि हम अपने दुर्गम पर्वतीय स्थानों पर भी सुपर स्पेशलिस्ट डाॅक्टर्स उपलब्ध करा सके। इस दिशा में टेली मेडिसन, टेली रेडियोलाॅजी जैसी सुविधाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि टेली मेडिसिन जैसी सेवाओं के लिए डिजिटल कनेक्टिविटी बहुत जरूरी है। हम कनेक्टिविटी सुधार पर विशेष ध्यान दे रहे है। शीघ््रा ही सीमान्त क्षेत्रों को आईआईटी मुम्बई के सहयोग से बैलून इन्टरनेट सेवाओं से जोड़ा जाएगा। उन्होंने इस प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाये दूरस्थ पर्वतीय अचंलो के साथ ही यमुना वैली में भी इसकी विशेष जरूरत बताई।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, सचिव श्री नितेश कुमार झा, श्रीमती राधिका झा, स्वास्थ्य महानिदेशक डा0 अर्चना श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के सलाहकार डा0 नवीन बलूनी तथा हेवलेट पेकार्ड इन्टरप्राईस इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी श्री सुशील बाटला आदि उपस्थित थे।