देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में उच्च शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा की समीक्षा बैठक ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा के तहत होने वाले विभिन्न कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य के 54 महाविद्यालयों को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान(रूसा) के अन्तर्गत शामिल करने के लिये केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री से अनुरोध किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के मान्यता के मामले में भी बातचीत की जायेगी। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिये एवं छात्र-शिक्षक अनुपात को सही करने के लिये स्कूलों की क्लबिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बच्चों को स्कूल तक वाहन से लाने की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों की क्लबिंग से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आयेगा।
अपर मुख्य सचिव डाॅ.रणबीर सिंह ने जानकारी दी कि प्रदेश में अभी 19 काॅलेज निर्माणाधीन है। जिसके लिए 28 करोड़ रूपये की बजट की आवश्यकता है, जिसके सापेक्ष अभी तक 06 करोड़ रूपये उपलब्ध हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये निर्माण कार्य राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के अन्तर्गत सम्मिलित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जो 35 प्रतिशत की धनराशि काॅलेजों के पुनरोद्धार के लिए मिलती है, यदि वह राज्य के निवर्तन पर छोड़ दिया जाये तो इस धनराशि का सही उपयोग किया जा सकता है।
सचिव माध्यमिक शिक्षा डाॅ.भूपेन्द्र कौर औलख ने जानकारी दी कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत 921 करोड़ रूपये के सापेक्ष अभी तक 421 करोड़ रूपये ही अवमुक्त हो पाये हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों की स्थिति में सुधार लेने के लिए शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत रमसा एवं सर्व शिक्षा अभियान में विस्तार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में 05वीं एवं 08वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं शुरू की जा रही हैं। इन परीक्षाओं में छात्र-छात्राएं परीक्षाएं अपने स्कूलों में देंगे जबकि उनकी काॅपी चेकिंग अन्य स्कूलों में की जायेगी। उन्होंने कहा कि रमसा के तहत 142 करोड़ की धनराशि अवमुक्त हुई है, जबकि 146 करोड़ रूपये मिलने बाकी हैं।