देहरादून: प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 धन सिंह रावत ने विधान सभा के सभागार में उच्च शिक्षा के अधिकारियों एवं विभिन्न छात्र संघ पदाधिकारियों के साथ बैठक की।
उच्च शिक्षा की गुणवत्ता एवं सुधारों को लेकर बुलाई गई। बैठक की पहल की छात्रसंघ के पदाधिकारियों द्वारा मुक्त कंठ से सराहना की गई तथा शिक्षा की गुणवत्ता को बढाने के लिए हर सम्भव सहयोग दिये जाने का आश्वासन दिया गया।
बैठक में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 रावत ने कहा कि उनका मानना है, कि किसी भी कार्य को सम्पादित करने के लिए सभी पक्षों की सहमति आवश्यक है। इसी विचार से उनके द्वारा यह पहल की गई है। उन्होंने बताया, कि उनका प्रयास है कि शिक्षा सत्र नियमित हो तथा छात्रसंघ के चुनाव समयबद्धता एवं कम खर्च में सम्पन्न हों। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 180 दिन कक्षाएं चलाने तथा प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण होने के एक हफ्ते के अन्तर्गत छात्रसंघ चुनाव कराने का शिड्यूल तय किया गया है, तथा 30 दिन के अन्तर्गत परीक्षाएं सम्पादित करने एवं 20 दिन में रिजल्ट घोषित करने जैसे अनेक कार्यक्रम तय किये गये हैं, जिनमें सक्रिय सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने प्रत्येक महाविद्यालय में वाचनालय, पुस्तकालय एवं शौचालय की अनिवार्यता के सरकार के संकल्प को दोहराते हुए इसे पूरा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने समाज के निर्माण में छात्रों की अहम भूमिका बताते हुए सरकार द्वारा महापुरूषों की जयंती के अवसरों पर महाविद्यालयों में गोष्ठियाॅं आयोजन करने, महाविद्यालयों में शिक्षा का वातावरण बनाने, महाविद्यालयों में प्रातः 10 बजे राष्ट्रगान एवं सांय काल 4 बजे राष्ट्रगीत वाचन करने आदि विभिन्न विषयों पर सक्रिय सहयोग का आह्वान किया।
डाॅ0 रावत ने कहा कि उनकी ओर से केन्द्र सरकार से नमामि गंगे परियोजना में एन0एस0एस0 तथा एन0सी0सी0 के शिविरों के माध्यम से परियोजना के कार्य हेतु 5 करोड़ रूपये की धनराशि की प्रभावी पहल की गई है। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह में औपनिवेशिक विरासत वाली गाउन ड्रेस के स्थान पर उत्तराखण्ड की संस्कृति की अभिव्यक्ति वाली ड्रेस कोड निर्धारण की योजना है जिसके निर्धारण हेतु 3 उप कुलपतियों की समिति बनाई गई है, जिसमें विद्धानों, छात्रसंघों के पदाधिकारियों, छात्रों से आॅनलाइन सुझाव भी आमत्रित किये गये हैं। उन्होंने इस कार्य में भी सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में पठन-पाठन की सुचारू व्यवस्था के लिए प्रवक्ताओं की नियुक्ति शीघ्र की जायेगी। उन्होंने बताया कि विगत दिन 58 महाविद्यालयों में प्राचार्यों की नियुक्ति की जा चुकी है। डाॅ0 रावत ने कहा कि राज्य लोक सेवा आयोग में अध्यापकों की नियुक्ति में लगभग 2 वर्ष का समय लग जाता है, जिसकों देखते हुए सरकार द्वारा उच्च शिक्षा आयोग बनाने का प्रस्ताव गतिमान है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए 35 हजार रूपये मानदेय पर प्रवक्ताओं की भर्ती दो माह में कर ली जायेगी। जिन्हें 15 दिवसीय प्रशिक्षण दे कर अध्यापकों की कमी को दूर कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्वविद्यालयों में रजिस्ट्रार के खाली पदों की कमी फिलहाल पीसीएस अधिकारियों की तैनाती से पूरी कर ली जायेगी तथा शीघ्र ही कुलसचिव संवर्ग का गठन कर लिया जायेगा जिसमें योग्यता प्रोफेसर स्तर की होगी जिससे विश्वविद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य सम्पादन और अच्छी तरह से किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक महाविद्यालय में अपने गौरवशाली इतिहास की जानकारी छात्रों को दिलाने के लिए 21 परमवीर चक्र प्राप्त सैनिकों के चित्रों की गैलरी स्थापित की जा रही है।
बैठक में निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ0बी0सी0मलकानी, संयुक्त निदेशक डाॅ0 सविता मोहन, उप निदेशक डाॅ0 हर्षवन्ती बिष्ट, सहायक निदेशक डाॅ0 एस0एन0सिद्ध,एवं एन0एस0यू0आई के प्रदेश अध्यक्ष श्याम सिंह चैहान, उपाध्यक्ष विनीत प्रसाद भट्ट, पूर्व छात्र महासंघ अध्यक्ष भूपेन्द्र नेगी, प्रदेश महासचिव जितेन्द्र सिंह नेगी एवं मोहन भण्डारी, छात्र्म् के प्रदेश संयोजक आयुष सेमवाल, एस0एफ0आई0 के जिला उपाध्यक्ष हिमांशु चैहान, प्रदेश सह सचिव नितिन मलेठा, प्रदेश कमेटी सदस्य अतुल, प्रदेश सचिव देवेन्द्र सिंह रावत, आर्यन के प्रदेश संयोजन अनिल सिंह तोमर, संस्थापक राकेश नेगी, प्रदेश महासचिव भगवती प्रसाद, ए0बी0वी0पी0 के प्रदेश मंत्री सुधीर जोशी, राष्ट्रीय सदस्य रमाकान्त श्रीवास्तव, प्रदेश संगठन मंत्री प्रदीप शेखावत, प्रदेश अध्यक्ष प्रो0 जगत सिंह बिष्ट आदि उपस्थित थे।