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उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू-कॉस्ट) के सामान्य निकाय की बैठक करते हुए: मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह

उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड में विश्वस्तरीय साइंस सिटी की स्थापना की जाएगी। इसके बनने के बाद देहरादून कोलकाता, गुवाहाटी, अहमदाबाद और कपूरथला के बाद देश की पांचवीं साइंस सिटी होगी। देहरादून की तरह अल्मोड़ा में भी आंचलिक विज्ञान केंद्र का संचालन शुरू किया जाएगा। इस समय झाझरा में चल रहे आंचलिक विज्ञान केंद्र में हिमालयन गैलरी, तारामंडल, फन गैलरी, नव प्रवर्तन केंद्र, थ्री डी विज्ञान प्रदर्शनी, फ्रंटियर्स ऑफ टेक्नोलॉजी, ऑडिटोरियम सहित  तमाम आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।

सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू-कॉस्ट) के सामान्य निकाय की बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि यूकास्ट में स्थापित इनोवेशन हब में छोटे बच्चों को 5 दिन का प्रशिक्षण दिया जाता है। हैंड्स ऑन ट्रेनिंग में बच्चे 5 दिन में ही रोबोट, एलईडी बनाने लगते हैं।  मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि ऐसी व्यवस्था की जाय कि सामान्य वर्ग के बच्चे भी इसका लाभ ले सकें। कहा कि सीएसआर के जरिये भी सामान्य वर्ग के बच्चों को विज्ञान और तकनीक सीखने में मदद की जा सकती है। विज्ञान की जानकारी को समाज के विकास में लगाना होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि अल्मोड़ा में बनने वाले आंचलिक विज्ञान केंद्र में स्थानीय स्थापत्य का उपयोग किया जाय। बैठक में बताया गया कि यूकास्ट में हर साल 1000 युवा वैज्ञानिक साइंस कांग्रेस में भाग लेते हैं। शोध और विकास को बढ़ावा देने के लिए यूकास्ट विभिन्न समूहों को मंच प्रदान करता है। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय विज्ञान सेमिनारों में भाग लेने के लिए आर्थिक सहायता देता है। हिमालयी साइंस के जरिए हिमनद,जैव विविधता, मौसम परिवर्तन, जल संरक्षण, तराई कृषि व्यवस्था आदि कार्य करता है। तकनीकी संस्थान केंद्र के द्वारा सभी जनपदों में प्राकृतिक संसाधनों के दोहन की जानकारी देता है। प्रस्तावित साइंस सिटी के बारे में बताया गया कि 25 एकड़ के क्षेत्रफल में बनने वाली इस सिटी में विज्ञान अन्वेषण हाल, अंतरिक्ष भ्रमण, प्रयोगों के जरिए विज्ञान को समझाने के लिए प्रदर्शन क्षेत्र, आउटडोर साइंस पार्क, कार्यशाला,जन सुविधा केंद्र आदि सुविधाएं मुहय्या कराई जाएंगी।

बैठक में सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्री रविनाथ रमन, डीजी यूकास्ट डॉ राजेन्द्र डोभाल, आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर वाई.एस.नेगी, पूर्व कुलपति गढ़वाल विस्वविद्यालय श्री ए.एन. पुरोहित, पूर्व निदेशक वाडिया भू संस्थान डा0 वीआर चैपडा, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ के डॉ जी.एस.नौटियाल, जीबी पंत विश्वविद्यालय रानीचैरी के डॉ वाईपीएस डबास, सीआइआइ के डाॅ राकेश ओबेराय सहित अन्य प्रतिष्ठित लोग उपस्थित थे।

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