देहरादून: प्रदेश के संसदीय कार्य, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री, उत्तराखण्ड सरकार, प्रकाश पन्त की अध्यक्षता में सी0जी0ओ0 काॅम्पलैक्स, नई दिल्ली में ‘‘स्वजल टास्क फोर्स’’ की बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान व बिहार से आये स्वजल/पेयजल के अधिकारियों/अभियंताओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। विगत माह माननीय केन्द्रीय मंत्री उमा भारती जी की अध्यक्षता में समस्त राज्यों के पेयजल मंत्रियों के साथ सम्पन्न हुई बैठक में मंत्रि-समूह की एक समिति गठित की गई थी तथा उस समिति का अध्यक्ष उत्तराखण्ड के पेयजल मंत्री प्रकाश पन्त को बनाया गया था। समिति का कार्य विभिन्न राज्यों में स्वजल द्वारा आगामी कार्ययोजना तैयार करना है।
इसी परिप्रेक्ष्य में उक्त बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि उपरोक्त 06 राज्यों में प्रत्येक राज्य से दो-दो गाँव चिन्हित कर सर्वप्रथम पायलट प्रोजैक्ट के रूप में योजना बनायी जायेगी, तदोपरान्त उसी अनुरूप आगे कार्य को बढ़ाया जायेगा। नीति आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट में विभिन्न राज्यों के 101 जनपदों में पानी की कमी होना दर्शाया गया है। इन चिन्हित जनपदों में सर्वप्रथम पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित कराने का निर्णय लिया गया है। निर्णय लिया गया कि उत्तराखण्ड द्वारा इस प्रोजैक्ट की गाइडलाइन तैयार कर सभी राज्यों को सर्कुलेट किया जायेगा।
बैठक में उपस्थित केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती जी द्वारा उत्तराखण्ड के पेयजल मंत्री प्रकाश पन्त एवं सचिव, पेयजल, भारत सरकार श्री परमेश्वरन अय्यर द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुये उक्त प्रोजैक्ट सफल एवं सुरक्षित हाथों में होना बताया है। उन्होंने कहा कि श्री पंन्त द्वारा उत्तराखण्ड राज्य को माॅडल स्टेट के रूप में विकसित करने का कार्य किया है।
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