देहरादून: प्रदेश के पंचायती राज, विद्यालयी शिक्षा, प्रौढ़़ शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, खेल, युवा कल्याण एवं मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने विधानसभा स्थित अपने कक्ष में उत्तराखण्ड ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एशोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में श्री पाण्डेय व उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास अधिकारी एशोसिएशन के सदस्यों के बीच एसोसिएशन द्वारा गत 11 सितम्बर से 04 मांगों को लेकर किये जा रहे आन्दोलन स्थगित करने के साथ ही इन मांगों को लेकर आपसी सहमति बनी।
संघ द्वारा मांग रखी गयी कि विभागीय ढांचे के पुनर्गठन के संबंध में जो प्रस्ताव 17 दिसम्बर, 2016 को सम्पन्न मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रस्तुत किया गया था तथा जिसे मंत्रिमण्डल द्वारा तत्समय स्थगित रखें जाने का निर्णय लिया था को पुनः मंत्रिमण्डल के समक्ष रखा जाए। जिस पर विचार-विमर्श के उपरान्त पंचायती राज मंत्री श्री पाण्डेय द्वारा अपर सचिव/निदेशक पंचायती राज को निर्देश दिये गये कि इस प्रस्ताव को आगामी मंत्रिमण्डल की बैठक हेतु प्रस्तुत किया जाए।
संघ द्वारा अपनी दूसरी मांग के सम्बन्ध में कहा गया कि जनपद ऊधम सिंह नगर में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के मांत्र 27 पद स्वीकृत हैं जबकि एक ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के अधीन लगभग 14-15 ग्राम पंचायतें आ रहे हैं। जिस वजह से ग्राम पंचायतों में विभागीय कार्यों का निस्तारण करवाने में आम जन को समस्याएँ हो रही हैं। संघ द्वारा मांग रखी गई कि जिन जिलों में कार्य के सापेक्ष ग्राम विकास अधिकारियों के पद अधिक स्वीकृत किये गये हैं, उन जिलों के पदों को जनपद ऊधमसिंह नगर के लिए स्थानान्तरित कर दिया जाए। ऐसा करने से ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी का फंग्शनल मर्जर करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इस पर पंचायती राज मंत्री ने अपर सचिव पंचायती राज को निर्देश दिये कि सर्व प्रथम ऐसे जनपदों जहाँ अपेक्षाकृत कार्य कम है। उन जनपदों से कुछ पदों को जनपद ऊधमसिंह नगर के लिए आवंटित किया जाए तथा भविष्य में विभागीय कार्यों के सुचारू रूप से संचालन हेतु ग्राम विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग के पूर्ण एकीकरण बारे में दोनों विभागों से चर्चा कर विचार कर लिया जाए।
संघ द्वारा अपनी तीसरी मांग में कहा कि ग्राम्य विकास विभाग के सहायक खण्ड विकास अधिकारी तथा सहकारिता विभाग के अन्तर्गत सहायक विकास अधिकारी(सहकारिता)की भाँति सहायक विकास अधिकारी पंचायत को भी वाहन के भत्ते के रूप में रूपये 1200 अनुमन्य किया जाए क्यांेकि इन दोनों विभागों के अधिकारियों के समान ही सहायक विकास अधिकारी पंचायत द्वारा भी फील्ड वर्क किया जाता है। इस पर श्री पाण्डेय ने अपर सचिव को निर्देश दिये कि जिस प्रकार अन्य विभागों के फील्ड स्तरीय कार्मिकों को वाहन भत्ता अनुमन्य है उसी प्रकार सहायक विकास अधिकारी पंचायत को भी वाहन भत्ता अनुमन्य किये जाने की कार्यवाही की जाय।
संघ द्वारा चैथी मांग में कहा गया कि ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को राजस्व विभाग, पशुपालन एवं खेलकूद आदि विभागों के समकक्षीय पदों के वेतनमान/ग्रेड वेतन की भांति ग्राम पंचायत विकास अधिकारी का ग्रेड वेतन उच्चीकृत कर रू0 2800 एवं सहायक विकास अधिकारी पंचायत का ग्रेड वेतन उच्चीकृत कर रू0 4200 किया जाय। जिस पर मंत्री ने इस संबंध में अपर सचिव पंचायती राज को निर्देश दिये कि विभाग से प्रस्ताव प्राप्त कर औचित्यपूर्ण प्रस्ताव के साथ प्रकरण पुनः वेतन विसंगति समिति को संदर्भित किया जाय।
बैठक में अपर सचिव/निदेशक, पंचायतीराज हरि चन्द्र सेमवाल, अनुसचिव पंचायतीराज सत्य प्रकाश सिंह, संयुक्त सचिव पंचायतीराज डी0पी0देवराड़ी, उत्तराखण्ड ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एसोसिएशन के प्रान्तीय महासचिव सी0पी0सुयाल, प्रदेश संरक्षिका डाॅ0 विनीता सिंह उत्तम एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री सुनील दत्त डोबरियाल सहित अन्य पदाधिकारी गण मौजूद थे।